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किसान हमारी अर्थव्यवस्था की हैं रीढ़: मुख्यमंत्री डॉ यादव

by Bhupendra Sahu

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारे किसान भाई ही मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। किसानों का हित हमारे लिए सर्वोपरि है। सरकार का हर निर्णय किसानों के कल्याण को ध्यान में रखकर लिया जा रहा है। किसानो की भलाई के लिए हमारी सरकार हर जरूरी कदम उठायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर संभव तरीके से किसानों की आय बढ़ाकर उनकी माली हालत मजबूत करने के लिए प्रयासरत है। भावांतर योजना किसानों को खुले बाजार में फसलों की कीमतों के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा देती है। यह योजना किसान हित में सरकार की एक बड़ी पहल है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को मुख्यमंत्री निवास परिसर में ‘सोयाबीन पर भावांतर भुगतान के उपलक्ष्य में’ आयोजित किसान आभार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सूखे खेत को अगर पानी दे दिया जाये, तो फसल सोना हो जाती है, हम प्रदेश के हर खेत तक पानी पहुंचायेंगे। मध्यप्रदेश के अन्नदाता अब ऊर्जादाता बन रहे हैं। किसान भाई अपने खेतों में सोलर पंप जरूर लगाएं। सोलर पंप लगाने से बिजली के अस्थाई कनेक्शन के खर्च से मुक्ति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि सोलर पॉवर पंप स्थापना के लिये किसानों को अब 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। पहले 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को विद्युत पंप से एक स्टेप अधिक पॉवर केपिसिटी का सोलर पॉवर पंप दिया जायेगा अर्थात् 3 HP वाले किसान को 5 HP का सोलर पॉवर पंप और 5 HP वाले किसान को 7.5 HP का सोलर पॉवर पंप दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने किसान आभार सम्मेलन में पारम्परिक वेशभूषा में सांस्कृतिक प्रस्तुति देने वाले सभी कलाकारों को 5-5 हजार रूपए देने की घोषणा भी की। इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलन तथा भगवान हलधर बलराम एवं भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण कर सम्मेलन की विधिवत् शुरूआत की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसान भाइयों की मेहनत से ही प्रदेश की जीडीपी में कृषि 39 प्रतिशत से अधिक का योगदान देती है। किसान भाई सच्चे अर्थों में मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न, दलहन, तिलहन, फलों और सब्जियों के उत्पादन की दृष्टि से मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है। प्लांट बेस्ड प्रोटीन के उत्पादन के मामले में भी हम कम नहीं हैं। संतरा, मसाले, लहसुन, अदरक और धनिया उत्पादन में मध्यप्रदेश नंबर वन है। मटर, प्याज, मिर्च, अमरूद उत्पादन में दूसरे तथा फूल, औषधीय एवं सुंगधित पौधों के मामले में तीसरे स्थान पर मध्यप्रदेश है। उन्होंने कहा कि आज मध्यप्रदेश सोयाबीन स्टेट, मिलेट्स स्टेट, मसाला स्टेट, लहसुन स्टेट और संतरा स्टेट के रूप में प्रसिद्ध होकर देश का फूड बास्केट कहलाने लगा है।

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