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मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत जिले में शिक्षण गुणवत्ता सुधार पर की गई गहन समीक्षा

by Bhupendra Sahu

कक्षा 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा में 100 प्रतिशत रिजल्ट का लक्ष्य तय, अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक
एमसीबीमुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान अंतर्गत जिले में शिक्षण स्तर उन्नयन और परीक्षा परिणाम सुधार को लेकर कलेक्टर सभाकक्ष में जिले के सभी प्राचार्यों एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारियों की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अपर कलेक्टर श्रीमती नम्रता आनंद डोंगरे ने की। बैठक में संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय, इंद्रावती भवन नवा रायपुर अटल नगर द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सत्र 2024-25 के बोर्ड परीक्षा परिणाम और परख परीक्षा की समीक्षा की गई।

बोर्ड परीक्षा में 100 प्रतिशत रिजल्ट का लक्ष्य
कलेक्टर डी. राहुल वेंकट के निर्देशानुसार सभी प्राचार्यों को सत्र 2025-26 में कक्षा 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में 100 प्रतिशत परीक्षा परिणाम लाने का लक्ष्य दिया गया। इसके लिए विद्यालय स्तर पर परिणाम सुधार की ठोस रणनीति तैयार की गई है।
मेरिट लाने वाले विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री करेंगे सम्मानित
कक्षा 10वीं और 12वीं की मेरिट सूची में स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इस जानकारी को विद्यार्थियों तक पहुंचकर उन्हें प्रेरित करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को दिए गए ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी उत्कृष्ट परिणाम लाने के लिए प्रोत्साहित हों।

परीक्षा परिणाम सुधार के लिए ठोस रणनीति
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि तिमाही, छमाही और प्री-बोर्ड परीक्षा के आधार पर 80 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों की मेरिट सूची तैयार की जाएगी और 40 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए रिमेडियल क्लासेस लगाकर उन्हें मुख्यधारा में लाया जाएगा। प्रत्येक शनिवार को प्रश्न बैंक के आधार पर दो विषयों की जांच परीक्षा आयोजित की जाएगी जिससे विद्यार्थियों की कठिनाइयों का समाधान कर उनमें अध्ययन के प्रति रुचि बढ़ाई जा सके। ब्लूप्रिंट के अनुसार प्रश्न पत्र और प्रश्न बैंक तैयार कर सभी विद्यालयों को उपलब्ध कराने का लक्ष्य भी तय किया गया।
शिक्षण गुणवत्ता पर सख्त निगरानी रखने के निर्देश
अपर कलेक्टर ने निर्देश दिए कि प्राचार्य अपने विद्यालय में विषयवार शिक्षकों के प्रदर्शन की समीक्षा करें। विद्यालयों की रिजल्ट आधारित गुणवत्ता आकलन इसी के आधार पर किया जाएगा। विद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशालाओं में प्रायोगिक कार्य, विज्ञान प्रदर्शनी, क्विज प्रतियोगिता और वाद-विवाद कार्यक्रमों के आयोजन पर विशेष बल दिया गया ताकि विद्यार्थियों में प्रतियोगी भावना और रचनात्मकता का विकास हो सके।
विद्यार्थी-पालक संवाद और प्रायोजना कार्य पर दिया गया जोर
प्राचार्यों को निर्देशित किया गया कि तिमाही, छमाही एवं प्री-बोर्ड परीक्षाओं के उपरांत विद्यार्थियों, पालकों और शिक्षकों की बैठक आयोजित कर विद्यार्थियों की प्रगति से सतत अवगत कराया जाए। विद्यार्थियों के प्रायोजना कार्य की नियमित जांच कर सामाजिक-आर्थिक प्रगति के तुलनात्मक अध्ययन की समझ विकसित की जाए जिससे बच्चों में व्यावहारिक ज्ञान और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण बढ़े।
विद्यालय संरचना सुधार और अनुशासन पर फोकस
बैठक में विद्यालयों की भवन संरचना, शौचालय मरम्मत, नए शौचालय निर्माण और भवनविहीन विद्यालयों की स्थिति की समीक्षा की गई। सभी प्राचार्यों से एक-एक बिंदु पर जानकारी लेकर आवश्यक सुधार हेतु प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी को प्रस्तुत करने कहा गया। विद्यालय से बिना सूचना अनुपस्थित रहने वाले प्राचार्यों को कारण बताओ सूचना जारी करने के निर्देश दिए गए ताकि अनुशासन और नियमितता सुनिश्चित की जा सके।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही अभियान का उद्देश्य
अपर कलेक्टर नम्रता आनंद डोंगरे ने कहा कि मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान का मुख्य उद्देश्य केवल परिणाम सुधार नहीं, बल्कि विद्यार्थियों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आत्मविश्वास और निरंतर अध्ययन की संस्कृति विकसित करना है। उन्होंने सभी प्राचार्यों से अपील की कि वे इस अभियान को जन-आंदोलन के रूप में लेकर अपने विद्यालयों को उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में स्थापित करें।

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