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छत्तीसगढ़ की भावी पीढ़ी के साथ मिलकर करेंगे सेवा और गढ़ेंगे नवा छत्तीसगढ़: CM भूपेश बघेल

by Bhupendra Sahu

रायपुर छत्तीसगढ़ हमेशा से शांति का टापू रहा है, हमारे पुरखों ने इसे सहेजा है। हम भावी पीढ़ी के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ महतारी की इस धरा की सेवा करें और नवा छत्तीसगढ़ गढ़े। यह संदेश मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर प्रवास के दौरान आईएनएच न्यूज के संवाद 2023 कार्यक्रम के दौरान दिया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में बच्चे सुपोषित हो, उन्हें शिक्षा और रोजगार मिले, पिछले पौने पांच सालों में हमने इसे सर्वाेच्च प्राथमिकता दी। पिछले पौने पांच सालों में हमने किसान, मजदूर, आदिवासी, महिलाओं और युवाओं के जेब में लगभग पौने 2 लाख करोड़ रूपए डाले हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि आज बस्तर के सुदूर अंचलों में गाड़ियों के शोरूम खुल रहे हैं, इसका मतलब है कि लोगों की जेब में पैसे पहुंचे हैं।
हमने कांक्रीट के जंगलों को बढ़ावा नहीं दिया, हम व्यक्ति को इकाई मानकर राज्य का विकास कर रहे हैं। आज छत्तीसगढ़ में बच्चे सुपोषित हो रहे हैं, महिलाएं एनीमिया मुक्त हो रही हैं। बस्तर आज मलेरिया से लगभग मुक्त हो चुका है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने अपने पुरखों की संस्कृति को सहेजने का काम किया है। बस्तर में 2400 से अधिक देवगुड़ियों का निर्माण किया। घोटुल का निर्माण कराया, बादल के माध्यम से जनजाति संस्कृति को संरक्षण और बढ़ावा दिया जा रहा है। आदिवासी नृत्य महोत्सव के माध्यम से छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति का गौरव और व्यापकता देश-दुनिया के सामने आई है।
उन्होंने कहा कि हम राम वनगमन पथ के माध्यम से भगवान राम और माता सीता के प्रवेश स्थल कोरिया से लेकर सुकमा के रामाराम तक, जहां-जहां उनके कदम पड़े उन्हें जनभावना के अनुरूप आस्था स्थलों के रूप में विकसित करने का काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि आज हम छत्तीसगढ़ के परंपरागत तीज-त्यौहारों को उमंग के साथ मना रहे हैं। अपनी संस्कृति से लोगों का जुड़ाव हो, इस उद्देश्य के साथ परंपरागत त्यौहारों पर शासकीय अवकाश की घोषणा की गई है। हमने विश्व आदिवासी दिवस पर भी शासकीय अवकाश घोषित किया है और प्रदेशवासी आज उत्सुकता के साथ गांव-गांव में आदिवासी दिवस मना रहे है।

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