भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कि भोपाल बैठक के बाद से प्रदेश भाजपा संगठन बुलेट ट्रेन की गति से काम करने लगा है। संगठन के पदाधिकारियों और सत्ता में काबिज नेताओं की नींद उड़ी हुई है। सबसे अधिक बेचैन विधानसभा टिकट के दावेदार और मौजूदा विधायक हैं। इसका कारण यह है कि मध्य प्रदेश में टिकट वितरण अमित शाह की मर्जी से होगा। सूत्रों के अनुसार अमित शाह की एनओसी के बिना प्रदेश चयन समिति विधानसभा सीट की किसी भी पैनल की सिफारिश नहीं करेगी। प्रदेश चयन समिति की सिफारिशों की स्क्रूटनी भी अमित शाह की टीम करेगी। उसी के बाद केंद्रीय चुनाव समिति टिकटों की पड़ताल करेगी।
टिकट वितरण के मामले में अमित शाह को संघ का फीडबैक भी सीधे मिलेगा। अमित शाह चुनाव अभियान और चुनावी रणनीति के मामले में लगातार संघ के दिग्गज प्रचारकों के संपर्क में है। अन्य राज्यों के कार्यकर्ताओं को भी कें्रीय भाजपा की ओर मध्यप्रदेश की विधानसभा सीटों का सर्वे करने भेजा गया है। इन सर्वेक्षणों के अलावा संघ के विभाग इकाई द्वारा भी मध्य क्षेत्र यूनिट को फीडबैक दिया जाएगा। यह फीडबैक भी अमित शाह तक पहुंचेगा।

इसके अलावा अमित शाह की एक गुजरात की टीम भी टिकट वितरण को लेकर प्रदेश में घूम रहे हैं जो अपने निष्कर्ष उन्हें देगी। इधर आज प्रदेश के चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव भोपाल पहुंच रहे हैं। यह दोनों नेता 17 जुलाई तक भोपाल में रहेंगे। इनका मुख्य काम प्रदेश संगठन के साथ मिलकर विभिन्न चुनाव समितियों का गठन करना रहेगा। भोपाल अमित शाह द्वारा दिए गए टारगेट 30 जुलाई तक पूरा करना चाहती है क्योंकि 30 जुलाईको फिर से अमित शाह के भोपाल आने की संभावना है। प्रदेश के प्रमुख शहरों में भी शहा भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। संगठन इसकी तैयारियों में जुटा गया है। पिछली बैठक में अमित शहा ने राज्य स्तर से लेकर बूथ स्तर पर अब तक की गई चुनावी तैयारियों की समीक्षा भी की।
उन्होंने कांग्रेस व अन्य दलों वाली 103 विधानसभा सीटों पर अब तक की गई तैयारियों का ब्यौरा भी मांगा। इन सीटों पर कांग्रेस की कमजोरियों और बूथ स्तर पर की जा रही तैयारियां की रिपोर्ट तैयार करने के लिए शाह ने निर्देश दिए हैं। शाह ने संगठन के नेताओं को साफ कहा कि घोषणा पत्र समिति, चुनाव समिति, चुनाव प्रबंधन सहित अन्य समितियों के गठन की तैयारी करके रखें। मैं 30 को इस पर चर्चा करूंगा। इसके अलावा उन्होंने रोज रिपोर्ट भेजने के भी निर्देश दिया। शाह ने यह भी कहा था कि वे हर 15 से 20 दिन में मध्यप्रदेश आने की कोशिश करेंगे। इस दौरान संगठन के कामकाज की समीक्षा भी करेंगे। अमित शाह की टीम ने मीडिया कैंपेन का काम भी संभाल लिया है। इसके लिए आईबीएम मीडिया के हिमांशु सिंह दो बार भोपाल आ चुके हैं। भोपाल में उनके लिए कार्यालय की तलाश की जा रही है। अमित शाह की टीम मुख्यमंत्री और भाजपा संगठन की टीमों के समानांतर काम करेगी। यानी मुख्यमंत्री और भाजपा संगठन की टीमें अपना-अपना काम पहले की तरह करती रहेंगी।
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