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यूएई के अनुरोध पर की गयी है सोने के आयात की शर्तों में ढ़ील : वाणिज्य विभाग

by Bhupendra Sahu

नयी दिल्ली । सरकार ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (भारत-यूएई सेपा) के तहत वहां से सोने के आयात पर शुल्क संबंधी व्यवस्था में किए गए संशोधन को वहां के अधिकारियों के प्रस्ताव पर किया गया फैसला बताते हुए ऐसी खबरों को खरिज किया कि यह निर्णय किसी को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है और इसमें पूरी पारदर्शिता बरती गयी है। समझौते के तहत पहले केवल आभूषण निर्माताओं को यूएई से एक प्रतिशत के रियायती शुल्क पर इस कोटे के अंतर्गत सोना आयात करने की छूट थी। इसे अब अन्य ग्राहकों के लिए भी खोल दिया गया है। समझौते के तहत पांच साल में कोटा अधिकतम 200 टन से अधिक नहीं हो सकता।

इस विषय में मीडिया के एक हलके में प्रकाशित रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण देते हुए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के अधिकारियों ने बताया कि यूएई के साथ व्यापार समझौते के तहत वहां से भारत में सोने के आयात के लिए पात्रता मानदंड में संशोधन के लिए 17 अप्रैल 2023 को जारी सार्वजनिक सूचना (डीओआर (राजस्व विभाग) की अधिसूचना के आधार पर) के बाद 27 अप्रैल को आयोजित ईएफसी ( एक्जिम सुविधा समिति) की बैठक में, यह निर्णय लिया गया है कि वहां से सोने के आयात की टैरिफ दर कोटा व्यवस्था ( टीआरक्यू ) के लिए नए आवेदन आमंत्रित करने के लिए एक नई विंडो (व्यवस्था) होगी संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार सभी आवेदकों (पुराने और नए) को सोने का टीआरक्यू आवंटित किया जाएगा।
डीजीएफटी की ओर से कहा गया है, ‘यह आवेदन प्रक्रिया आवेदकों के एक समूह या वर्ग को भौतिक रूप से लाभान्वित करने वाली नहीं है।Ó
सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारत-यूएई व्यापार समझौता पिछले साल पहली मई को लागू हुआ। इसके तहत यूएई ने भारत से मूल्य के हिसाब से आयात होने वाले 99 प्रतिशत वस्तुओं और प्रकार के हिसाब से 97 प्रतिशत वस्तुओं पर पर भारत को शुल्क में रियायतों की पेशकश की।
भारत में यूएई से टीआरक्यू के तहत सोने के उदार आयात के बदले में भारत से सोने के आभूषणों को तत्काल शून्य शुल्क बाजार में प्रवेश देने की पेशकश की थी। (यूएई में सोने के आभूषण पर वर्तमान शुल्क दर 5त्न है) ।
विदेश व्यापार विभाग के अनुसार समझौते के तहत 2022-23 में टीआरक्यू के तहत वहां से सोने के आयात का कोटा 110 टन था जिसे 2023-24 में 140 टन किया गया है और 5 वर्षों में धीरे-धीरे यह कोटा अधिकतम 200 टन तक जा सकता है। इस कोटे के तहत अयातित सोने पर शुल्क रियायत के तौर पर केवल 1प्रतिशत रखी गयी है।
अधिकारियों ने कहा कि इस दर पर टीआरक्यू के कारण किसी भी राजस्व हानि का आरोपण औचित्य हीन है।
डीजीएफटी की ओर से बताया गया कि 2022-23 में 11 महीने की अवधि दौरान, आवंटित 110 टन टीआरक्यू में से केवल 8.1 टन सोने का आयात किया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि यूएई की ओर से टीआरक्यू के तहत निर्धाति स्वर्ण अयात के कोटे को केवल आभूषण विनिर्मातओं तक सीमित रखने की पाबंदी हटाए जाने का अनुरोध किया था। उनका अनुरोध था कि सभी आयातकों को सोने की टीआरक्यू प्राप्त करने की अनुमति दी जाए।
अधिकारियों ने कहा कि भारत और यूएई के बीच मजबूत व्यापार साझेदारी को ध्यान में रखते हुए संयुक्त अरब अमीरात के साथ-साथ व्यापार समझौते की भावना को बनाए रखने के लिए इस मामले पर विचार किया गया था और आभूषण निर्माता मानदंड को हटाते हुए अधिसूचना दिनांक 1.03.2023 जारी की गई थी।
डीजीएफटी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए टीआरक्यू के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। इसके लिए सार्वजनिक सूचना -दिनांक 29.12.2022 के तहत 28.02.2023 तक आवेदन किए जा सकते थे। इस पर 78 आवेदन प्राप्त हुए थे और इस पर ईएफसी की एक प्रारंभिक बैठक 23 मार्च को हुई थी और उस समय लागू दिशानिर्देशों/शर्तों के अधीन अनंतिम रूप से टीआरक्यू का आवंटन करने का निर्णय किया गया था ।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि टैरिफ शीर्ष 7108 के अंतर्गत आयात के लिए आज की तारीख में भी कोई टीआरक्यू जारी नहीं किया गया है।
दिनांक 17.04.2023 की सार्वजनिक सूचना और दिनांक 23.03.2023 की एक्जिम सुविधा समिति (ईएफसी) की बैठक की कार्यवाही रिपोर्ट को सभी हितधारकों के लाभ और परदर्शिता के लिए डीजीएफटी की वेबसाइट पर 17.04.2023 और 18.04.2023 को अपलोड किया गया था ताकि शर्तों में ढील का लाभ ज्यादा से ज्यादा लाग उठा सकें।
टीआरक्यू प्रक्रिया में अधिक व्यापक-आधारित भागीदारी का मौका देने के लिए अधिसूचना की शर्तों में बदलाव की कार्यवाही के विवरण को 18.04.2023 को अंतिम रूप दिया गया और उसी दिन अपलोड किया गया।
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