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कंपनियों के तिमाही नतीजे का बाजार पर रहेगा असर

by Bhupendra Sahu

मुंबई। वैश्विक बाजार की तेजी से स्थानीय स्तर पर हुई लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह करीब एक प्रतिशत चढ़े शेयर बाजार पर अगले सप्ताह वैश्विक रुख के साथ ही कंपनियों के समाप्त वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के परिणाम का असर रहेगा। बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 548.03 अंक अर्थात 0.92 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 60431 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 228.85 अंक यानी 1.3 प्रतिशत की तेजी लेकर 17828 अंक पर रहा।

समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी जमकर लिवाली हुई। इससे मिडकैप 369.51 अंक की बढ़त लेकर 24720.57 अंक और स्मॉलकैप 424.24 अंक चढ़कर 28149.58 अंक पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, बीते कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन दोनों मानक सूचकांकों ने लगातार नौ दिनों की बढ़त दर्ज की और अंत में उच्च स्तर पर पहुंच गया। अक्टूबर 2020 के बाद से 30 महीनों में सूचकांकों ने सबसे लंबा लाभ दर्ज किया। बाजार सात सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो 21 फरवरी 2023 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर समाप्त हुआ। सूचकांकों में तेजी का प्रमुख कारण अमेरिकी डॉलर और इसने उभरते बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की खरीददारी रुचि को बढ़ावा दिया है।
स्थानीय स्तर पर मार्च में उपभोक्ता मूल्य आधारित खुदरा मुद्रास्फीति (सीपीआई) फरवरी के 6.44 प्रतिशत से गिरकर 15 महीने के निचले स्तर 5.66 प्रतिशत पर आ गई। मुख्य रूप से बिजली, खनन और विनिर्माण क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन के कारण जनवरी में 5.2 प्रतिशत की तुलना में फरवरी में देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) मामूली बढ़कर 5.6 प्रतिशत हो गया। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वित्तीय वर्ष 2024 के लिए भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का विकास अनुमान 20 आधार अंक घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है। भारत का व्यापार घाटा साल-दर-साल आधार पर 19.73 अरब डॉलर के मुकाबले 18.52 अरब डॉलर रहा। इस बीच अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के एफओएमसी की बैठक ने बैंकिंग उथल-पुथल के प्रभाव के कारण हल्की मंदी का संकेत दिया है।
घरेलू मोर्चे पर टीसीएस और इंफोसिस के तिमाही परिणाम जारी हो चुके हैं। दोनों कंपनियों के नतीजे कमजोर रहे हैं। आगे कई अन्य कंपनियों के परिणाम आने वाले हैं जो फोकस में होंगे। वैश्विक बाजारों के रुख, घरेलू और वैश्विक मैक्रोइकोनॉमिक डेटा, कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपये में उतार-चढ़ाव भी आने वाले सप्ताह में बाजार के रुख को तय करेंगे। आने वाले दिनों में चीन की पहली तिमाही की जीडीपी के आंकड़ों और मार्च के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों की घोषणा की जाएगी। इसका असर भी बाजार पर देखा जा सकेगा।
बीते सप्ताह शुक्रवार को अंबेडकर जयंती के अवसर पर अवकाश रहने से बाजार में चार दिन ही कारोबार हुआ। वैश्विक स्तर से मिले सकारात्मक संकेतों के साथ ही घरेलू स्तर पर रियल्टी, तेल एवं गैस, ऑटो, पावर, यूटिलिटीज जैसे समूहों में हुयी लिवाली के बल पर सोमवार को सेंसेक्स 13.54 अंकों की तेजी के साथ 59846.51 अंक और निफ्टी 24.90 अंकों की बढ़त लेकर 17624.05 अंक पर रहा।
दुनिया के प्रमुख सूचकांकों के हरे निशान में रहने से घरेलू सतर पर यूटिलिटीज, कमोडिटी, धातु, तेल एवं गैस, पावर, बैंकिंग और वित्तीय सेवा समूहों में हुयी लिवाली की बदौलत मंगलवार को शेयर बाजार में लगातार सातवें दिवस तेजी रही। सेंसेक्स 311.21 अंकों की तेजी लेकर 60157.72 अंक और निफ्टी 98.25 अंकों की बढ़त के साथ 17722.30 अंक पर पहुंच गया।
वैश्विक स्तर से मिल रहे सकारात्मक रुझान के साथ ही घरेलू स्तर पर हेल्थकेयर, ऑटो, आईटी, टेक, बैंकिंग, वित्त जैसे समूहों में जारी लिवाली के बल पर बुधवार को सेंसेक्स 235.05 अंक चढ़कर 60392.77 अंक और निफ्टी 90.10 अंक बढ़कर 17812.40 अंक पर रहा। इसी तरह वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर वित्तीय सेवाएं, बैंकिंग और रियल्टी समेत नौ समूहों में हुई लिवाली की बदौलत गुरुवार को सेंसेक्स 38.23 अंक की बढ़त लेकर 60431 अंक और निफ्टी 15.60 अंक बढ़कर 17828 अंक पर रहा।
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