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राज्य में अगले वित्तीय वर्ष के कुल बजट का 6.4 प्रतिशत स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए, 4 नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे

by Bhupendra Sahu

रायपुर. छत्तीसगढ़ में आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के कुल बजट का 6.4 प्रतिशत हिस्सा स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए खर्च किया जाएगा। अगले वर्ष के बजट में सरकार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए 5497 करोड़ रूपए और चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए 2240 करोड़ रूपए के बजट का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री एवं वित्त विभाग के भारसाधक मंत्री श्री भूपेश बघेल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में प्रदेश में चार नए शासकीय मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है। ये कॉलेज मनेन्द्रगढ़, गीदम, जांजगीर-चांपा और कबीरधाम में खोले जाएंगे। इसके लिए 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। गीदम में मेडिकल कॉलेज खुलने से बस्तर अंचल में तीन शासकीय मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे। वहीं मनेन्द्रगढ़ में इसके शुरू होने से सरगुजा क्षेत्र में दो शासकीय मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे।

प्रदेशवासियों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव की पहल को मूर्त रूप देने अगले वर्ष के बजट में डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के लिए 900 करोड़ रूपए और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना के लिए 50 करोड़ रूपए का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों के उन्नयन और नए अस्पताल खोलने के लिए 1500 नए पद सृजित किए जाएंगे। इनमें बालोद जिले के दल्लीराजहरा और सारंगढ़ में सौ-सौ बिस्तरों के नए अस्पताल के लिए 246 नए पद और धरमजयगढ़ सिविल अस्पताल तथा चिरमिरी, कुसमी, वाड्रफनगर एवं सीतापुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को 100-100 बिस्तर के अस्पताल में उन्नयन के लिए 470 नए पदों का सृजन भी शामिल हैं।

नए बजट में रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में 700 बिस्तरों के एकीकृत चिकित्सालय की स्थापना के लिए 85 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहन से लेकर स्वास्थ्य विभाग की हर छोटी-बड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग प्रदान करने वाली प्रदेश की 72 हजार मितानिनों को हर महीने 2200 रूपए का मानदेय देने की घोषणा की है। इससे मितानिनों की पुरानी मांग पूरी हुई है। मितानिनों को मिलने वाला यह मानदेय उन्हें अब तक मिल रहे प्रोत्साहन राशि के अतिरिक्त होगी। प्रदेश के दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने आगामी बजट में मोबाइल मेडिकल यूनिट के लिए पांच करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

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