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मंदिर के आयोजनों में कौन सा रंग इस्तेमाल होगा, यह प्रशासन-पुलिस तय नहीं कर सकते- केरल हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी

by Bhupendra Sahu

तिरुवनंतपुरम । केरल हाईकोर्ट ने मंदिर और पुलिस प्रशासन में विवाद को लेकर आज एक बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि जिला प्रशासन और पुलिस इसे लेकर दबाव नहीं बना सकते कि मंदिर के किसी आयोजन में सिर्फ राजनीतिक रूप से तटस्थ रंगों का इस्तेमाल होगा। दरअसल, केरल हाईकोर्ट में मेजर वेल्लायानी भद्रकाली देवी मंदिर के त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड ने प्रशासन के आदेश को चुनौती दी थी। प्रशासन ने मंदिर बोर्ड से कहा था कि कलीयूट्टु त्योहार के लिए सिर्फ भगवा रंग से सजावट करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसी को लेकर दायर दो याचिकाओं पर हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने सुनवाई की।

इन याचिकाओं पर कोर्ट ने कहा कि लोगों की पूजा-अर्चना, मंदिर में आयोजनों और समारोह में राजनीति की कोई भूमिका नहीं हो सकती। एक पूजा करने वाले या भक्त के पास कोई कानूनी अधिकार नहीं होता कि वह मंदिर को चलाने वाले बोर्ड पर भगवा रंग के इस्तेमाल के लिए दबाव बनाए। इसी तरह जिला प्रशासन और पुलिस भी मंदिर के आयोजनों में राजनीतिक रूप से तटस्थ रंगों के इस्तेमाल का दबाव नहीं बना सकती। मंदिर में कलीयूट्टु त्योहार में परंपरा और मान्यता के तहत कौन सा रंग इस्तेमाल होगा, यह त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड का फैसला होगा।

अगर ऐसी आशंका है कि मंदिर के परिसर या इसके आसपास कोई गलत घटना हो सकती है, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है तो मंदिर बोर्ड पुलिस को जानकारी दे सकता है और पुलिस-डीएम को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे।

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