रायपुर । आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम आज ओड़िसा राज्य के झारसुगुड़ा में आयोजित अखिल भारतीय गोंड़वाना गोंड़ महासभा के 15वें राष्ट्रीय महाअधिवेशन में शामिल हुए। उन्होंने महाअधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि सांस्कृतिक रूप से सम्पन्न गोंड़ समाज के रीति-रिवाज, खान-पान, आचार-व्यवहार पूरे देश में लगभग एक जैसा है। स्थानीय प्रभाव के कारण भाषा-बोली में, रहन-सहन में अंतर जरूर आया है। मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि महाविधवेशन में अन्य राज्यों के प्रतिनिधि उपस्थित हुए हैं, उनके विचारों के आदान-प्रदान से समाज की उन्नति की दिशा तय होगी।
मंत्री डॉ. टेकाम ने अखिल भारतीय गोंड़वाना महासभा में पधारे सभी सगाजनों का आत्मीय स्वागत और अभिनंदन करते हुए कहा कि वर्ष 1930 में अखिल भारतीय गोंड़वाना गोंड़ महासभा गठन किया गया था, इसका उद्देश्य था कि देशभर में बिखरे गोंड़ समाज के लोगों को एक मंच पर लाया जाए। महासभा में समय-समय पर सामाजिक उत्थान के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं। उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे समाज को उन्नति का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार पर हमारा हक है। देश में, समाज की सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित हो। प्रशासन, न्याय व व्यापार में हमारी भागीदारी सुनिश्चित हो।
