- फे में मिलता है रागी से बना चीला, इडली, डोसा, मोमोज, पिज्जा और कोदो की बिरयानी
- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में मिलेट हब बन रहा है छत्तीसगढ़
- मिलेट मिशन से मिला मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा
रायपुर रायगढ़ के नटवर स्कूल के पास एक मिलेट कैफे चल रहा है। यूं तो कई खूबियों के कारण यह अपने आप में अनूठा कैफे है। इस कैफे में रागी, कोदो, कुटकी जैसे मोटे अनाजों से बने लजीज व्यंजन परोसे जाते हैं। जिसमें स्वाद के साथ सेहत की जुगलबंदी होती है। इस कैफे को प्रदेश के पहले मिलेट कैफे होने का गौरव हासिल है, जिसके संचालन का जिम्मा पूरी तरह महिलाओं के हाथों में है। आज इसकी पहचान में एक नई खासियत जुड़ गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं अपने रेडियो कार्यक्रम ’मन की बात’ कार्यक्रम में इसका जिक्र कर इस मिलेट को बढ़ावा देने की पहल को सराहा। उन्होंने देशवासियों।
से कहा कि जब छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जाने का मौका मिले तो मिलेट कैफे जाकर वहां के व्यंजनों का आनंद जरूर उठाएं। इस कैफे में रागी से बने पास्ता, चीला, इडली, मंचूरियन, मोमोज, पिज्जा, नूडल, दोसा, कोदो से बनी बिरयानी का स्वाद लिया जा सकता है ।
छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी, रागी की समर्थन मूल्य पर की जा रही है खरीदी
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में मिलेट्स को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी का ना सिर्फ समर्थन मूल्य घोषित किया गया अपितु समर्थन मूल्य पर खरीदी भी की जा रही है। इस पहल से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स का रकबा डेढ़ गुना बढ़ा है और उत्पादन भी बढ़ा है। मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायकों और मीडिया के लिए मिलेट्स से बने व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए दोपहर भोज का भी आयोजन किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ में मिलेट कैफे भी प्रारंभ हो चुका है। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के नथिया-नवागांव में मिलेट्स का सबसे बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित किया जा चुका है। मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए गौठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं।
सदियों पुराने सेहतमंद खानपान की शैली को फिर से मिल रहा प्रोत्साहन
कई पीढिय़ों से रागी, कोदो जैसे अनाज हमारे आहार का प्रमुख हिस्सा हुआ करता था। किंतु आज इनका उपयोग सीमित हो गया है। ये अनाज सेहत के लिए जरूरी बहुत से पोषक तत्वों से युक्त होते हैं। इस कैफे से लोगों को इन अनाजों से तैयार व्यंजन के रूप में सेहतमंद विकल्प मिलेंगे। इस मिलेट कैफे की शुरुआत मई 2022 में की गई है।
मिलेट कैफे से महिला उद्यमिता को मिल रहा है बढ़ावा
इस कैफे की शुरुआत जिला प्रशासन की पहल व सहयोग से हुआ है। इसका संचालन विकास संघ महिला समूह द्वारा किया जा रहा है। इसमें तकनीकी सहयोग महिला बाल विकास विभाग और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन द्वारा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में पहली बार महिला स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए महिला समूहों के लिए मिलेट्स आधारित कैफे की शुरुआत की गयी है।