- ‘‘लेटर टू माई किड्स‘‘ किताब के विमोचन कार्यक्रम में हुईं शामिल
रायपुर


राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज डॉक्टर कीर्ति सिसोदिया द्वारा लिखित किताब ‘‘लेटर टू माई किड्स‘‘ के विमोचन कार्यक्रम में शामिल हुईं। उन्होंनेे कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, किताब की लेखिका डॉक्टर कीर्ति का अभिवादन किया और किताब लेखन के उनके उद्देश्य की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने किताब के विषय वस्तु का उल्लेख करते हुए, अपने बचपन के दिनों को याद किया। साथ ही उन्होंने संयुक्त परिवार की महत्ता बताते हुए, प्राचीन भारतीय परंपरा, सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों को बच्चों की परवरिश और बेहतर समाज निर्माण के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में किस कदर बाल्यवस्था के चंचलता भरे जीवन पर तकनीक हावी हो चुकी है। उन्होंने बचपन पर मोबाईल, लैपटाप जैसे तकनीकी यंत्रों के दुष्प्रभाव को भी रेखांकित किया और कहा कि इसके नकारात्मक प्रभावों से बचाते हुए, बच्चों के बेहतर शिक्षा और मानसिक विकास के लिए इसके सदुपयोग को बढ़ावा दें।

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि डॉ. कीर्ति ने एक महिला के रूप में जीवन के विभिन्न पड़ावों से गुजरते हुए अपने अनुभवों, ममत्व की सुखद अनुभूति, वेदना, व्याकुलता, उल्लास और गर्भ से लेकर मातृत्व की प्राप्ति तक के सफर की शाब्दिक अभिव्यक्ति के रूप में इस किताब को प्रस्तुत किया है। उन्होंने किताब के विभिन्न प्रसंगो का उल्लेख करते हुए, लेखिका के अनुभवों को महत्वपूर्ण बताया और अभिभावकों से किताब पढ़ने का आग्रह किया। राज्यपाल ने कहा कि बच्चों को बड़ा होता हुआ देख डॉक्टर कीर्ति अपना बचपन दोबारा जीने की बात किताब में करती है और अपने बच्चों को इसके लिए धन्यवाद देती है।
राज्यपाल ने कहा कि लेखिका ने किताब में छोटे-छोटे चैप्टर के माध्यम से अपनी बात कहने की कोशिश की है, जो रोचक और पठनीय है। मां ने अपने बच्चों के लिए लिखी इस किताब के माध्यम से नई पीढ़ी को यह संदेश देने की भी कोशिश की है कि उन्हें किताबें पढ़नी चाहिए। किताब सही अर्थों में आपके मित्र होते है और भारतीय अध्ययन परम्परा में किताबों को सर्वाधिक महत्व भी दिया गया है। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि वर्तमान डिजिटल दौर में जब किताबों का साथ छूट रहा है। ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि युवा पीढ़ी को किताब का महत्व बताएं और उन्हें किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने सभी बुद्धिजीवियों और अभिभावकों से आग्रह किया कि इस आशय से आप अपनी भागीदारी निभाएं।