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अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट को वायु अधिनियम के तहत नोटिस जारी

by Bhupendra Sahu

शिमला । हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचपीएसपीसीबी) ने सोलन जिला के बागा में स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट को वायु (रोकथाम और प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। यह जानकारी बोर्ड के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को यहां दी। उन्होंने कहा कि मैसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट, बागा की इकाई की पिछले वर्ष स्टैक उत्सर्जन निगरानी की गई थी, और यह पाया गया कि स्टैक उत्सर्जन निगरानी के परिणाम निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं हैं। इसके बाद, एचपीएसपीसीबी के क्षेत्रीय कार्यालय ने पर्यावरण मानकों का अनुपालन सुनिश्चित कर एपीसीडी के सुचारू संचालन के लिए सुधारात्मक उपाय करने के लिए इकाई को नोटिस जारी किया था।

इससे पूर्व इकाई में सीमेंट मिल, रॉ मिल और कोयला मिल में स्टैक उत्सर्जन निगरानी की गई थी जो कि निर्धारित मापदंडों से ऊपर पाई गई। उन्होंने कहा कि स्टैक उत्सर्जन के उल्लंघन के लिए इकाई के खिलाफ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को कानून का उल्लंघन करने वाली इकाईयों से पर्यावरण नुकसान की भरपाई करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य ने कई अवसर प्रदान किए, लेकिन यूनिट अभी भी जारी किए गए निर्देशों का पालन नहीं कर रही है।
अब हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इकाई से 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है कि क्यों न उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए और एनजीटी के निर्देशों के अनुसार पर्यावरण नुकसान की भरपाई भी की जाए।
उन्होंने कहा कि अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार 10 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है या सात वर्ष तक का कारावास या मामले के अनुसार दोनों का भी प्रावधान है।
प्रवक्ता ने कहा कि इसी प्रकार के एक अन्य मामले में, मैसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट, बागा की परिवेशी वायु और स्टैक उत्सर्जन निगरानी की गई थी। परिवेशी वायु और स्टैक उत्सर्जन का परिणाम एकत्र किया गया था, जो निर्धारित पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप नहीं था। निर्धारित मापदण्डों का अनुपालन नहीं करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि संयंत्र क्षेत्र में पानी के छिड़काव की व्यवस्था नहीं होने और वाहनों की आवाजाही के कारण धूल का उत्सर्जन होने पर एक बार फिर इकाई का निरीक्षण किया गया। इसके अलावा, कोयला मिल क्षेत्र को शीट कवर भी उपलब्ध नहीं कराया गया था। इसके परिणामस्वरूप इकाई को 15 दिनों के भीतर अपना जवाब तैयार करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
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