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बेरोजगारी बढऩे संबंधी समाचारों का खंडन किया श्रम मंत्रालय ने

by Bhupendra Sahu

नयी दिल्ली । केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने एक निजी सर्वेक्षण कंपनी के आंकड़ों के आधार पर दिसंबर, 2022 के दौरान उच्च बेरोजगारी दर संबंधी मीडिया समाचारों को खारिज किया और ऐसे सर्वे को गलत परिभाषा या पूर्वग्रह से ग्रसित बताया। मंत्रालय ने सरकारी सर्वेक्षण रपटों का हवाला देते हुए कहा है कि बेरोजगारी कम हुई है और इस समय रोजगार की स्थिति महामारी से पूर्व के स्तर की तुलना में अच्छी है।

मीडिया के एक हलके ने एक निजी कंपनी द्वारा किए गए सर्वेक्षण के हवाले से ये समाचार प्रकाशित किए थे।
मंत्रालय ने बयान में कहा, आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के डेटा से संकेत मिलता है कि रोजगार बाजार न केवल कोविड-19 महामारी के झटके से उबर गया है, बल्कि महामारी से पूर्व के स्तर की तुलना में उचित स्तर पर है।
मंत्रालय ने कहा है कि ऐसी खबरों में इस बात पर ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कई निजी कंपनियां/संगठन अपनी स्वयं की पद्धतियों के आधार पर सर्वेक्षण करते हैं जो सामान्य रूप से न तो वैज्ञानिक हैं और न ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानदंडों पर आधारित हैं।
मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऐसी कंपनियों/संगठनों द्वारा उपयोग की जाने वाली कार्यप्रणाली सामान्य रूप से बेरोजगारी की अधिक रिपोर्टिंग या रोजगार/बेरोजगारी पर डेटा के संग्रह के लिए उपयोग की जाने वाली परिभाषाओं और उनकी स्वयं की नमूना प्रक्रिया के कारण पूर्वाग्रह ग्रसित होती हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि उसके अंतर्गत आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के अलावा कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) द्वारा ‘रोजगार-बेरोजगारीÓ पर आधिकारिक आकंड़ा जारी किया जाता है। इस समय जुलाई, 2020 से जून, 2021 की वार्षिक पीएलएफएस रिपोर्ट तथा शहरी क्षेत्रों के लिए सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी जुलाई से सितंबर, 2022 तक की तिमाही पीएलएफएस रिपोर्ट उपलब्ध हैं।
मंत्रालय ने इन आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है, इस प्रकार, पीएलएफएस के डेटा से संकेत मिलता है कि रोजगार बाजार न केवल कोविड-19 महामारी के झटके से उबर गया है, बल्कि महामारी से पूर्व के स्तर की तुलना में उचित स्तर पर भी है।
पीएलएफएस की उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार श्रमिक जनसंख्या अनुपात (15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए) जुलाई से सितंबर, 2022 के दौरान रोजगार दर 44.5 प्रतिशत के स्तर पर थी, जबकि वर्ष 2019 में इसी तिमाही के दौरान यह 43.4 प्रतिशत थी। इसी तरह बेरोजगारी दर जुलाई से सितंबर, 2019 के 8.3 प्रतिशत की तुलना में जुलाई से सितंबर, 2022 के दौरान 7.2 प्रतिशत के स्तर पर थी।
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