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चंदा कोचर को मुंबई में फ्लैट और धोखाधड़ी से आर्थिक लाभ मिला : सीबीआई

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली । सीबीआई ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण धोखाधड़ी मामले में आरोपी आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर को धोखाधड़ी के जरिए मुंबई में एक फ्लैट और वित्तीय लाभ मिला है। इससे पहले, दिन में मुंबई की एक विशेष अदालत ने इस मामले में चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को सोमवार तक के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया।

मामले पर बहस करते हुए सीबीआई के लोक अभियोजक ने कहा कि आरोपियों ने आईसीआईसीआई बैंक को 1,730 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।
सीबीआई ने अदालत में आरोप लगाया, जब चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक का कार्यभार संभाला, तो वीडियोकॉन की विभिन्न कंपनियों को छह ऋण स्वीकृत किए गए। दो ऋण उन समितियों द्वारा स्वीकृत किए गए, जिनमें चंदा कोचर सदस्य थीं। उन्होंने वीडियोकॉन समूह को ऋण स्वीकृत करने के लिए अन्य समितियों को भी प्रभावित किया।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि 2009 में वीडियोकॉन समूह ने नूपावर को 64 करोड़ रुपये का ऋण दिया, जो दीपक कोचर की फर्म है।
सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि मुंबई स्थित एक फ्लैट, जहां चंदा कोचर रहती थी, वह दीपक कोचर के पारिवारिक ट्रस्ट को सौंप दिया गया था।
सीबीआई ने कहा है, इस फ्लैट की कीमत 1996 में 5.25 करोड़ रुपये थी और 2016 में फ्लैट को महज 11 लाख रुपये में ट्रांसफर किया गया।
सीबीआई के एक अधिकारी के अनुसार, जनवरी 2019 में चंदा कोचर, उनके पति और वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
प्राथमिकी में नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया था।
साल 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का ऋण मिलने के महीनों बाद धूत ने कथित तौर पर नूपावर में करोड़ों रुपये का निवेश किया।
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