- दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया सरल बनाने और उसमें तेजी लाने नियमों में किए गए महत्वपूर्ण संशोधन
- बच्चों के भविष्य को सही दिशा देने लोग आगे आएं – श्रीमती नेताम
- नवीन दत्तक ग्रहण विनियम 2022 पर प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित
- बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तेजकुंवर नेताम और केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण के अधिकारी हुए शामिल
रायपुर बच्चों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम में आवश्यक संशोधन किए गए हैं। इस आधार पर प्रक्रिया को सरल बनाने और उसमें तेजी लाने के लिए महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए नया दत्तक ग्रहण विनियम 2022 बनाया गया है। इसमें जिला दण्डाधिकारी (जिला कलेक्टर) को दत्तक ग्रहण का उत्तरदायित्व और आदेश का अधिकार दिया गया है।
पहले दत्तक ग्रहण का आदेश न्यायालय द्वारा दिया जाता था। दत्तक ग्रहण की सारी प्रक्रियाएं अब जिला स्तर पर ही जिला दण्डाधिकारी के आदेशानुसार होंगी। विनियम में जिला बाल संरक्षण इकाई की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बनाया गया है। यह जानकारी आज राजधानी रायपुर के सिविल लाईन स्थित न्यू सर्किट हाऊस में नवीन दत्तक ग्रहण विनियम 2022 पर आयोजित राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यशाला में दी गई। कार्यशाला का आयोजन केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) नई दिल्ली, राज्य दत्तक ग्रहण संसाधन अभिकरण और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया गया था।

कार्यशाला में राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तेजकुंवर नेताम, भारत सरकार के केन्द्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण के प्रतिनिधि श्री मनीष त्रिपाठी और वरिष्ठ अधिकारी श्रीमती रूपांशी पाण्डेय, महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक श्रीमती दिव्या मिश्रा, स्वास्थ्य संचालनालय के राज्य समन्वयक डॉ.वी.आर.भगत, यूनिसेफ के प्रतिनिधि श्री अभिषेक सिंह शामिल हुए।