नई दिल्ली । रूस में उत्पादन होने वाले कच्चे तेल के दामों पर प्राइस कैप लगाने को लेकर चर्चा हो रही है। जानकारी है कि रूसी तेल पर प्राइस कैप की कीमत 65 डॉलर से 70 डॉलर प्रति बैरल हो सकती है। दरअसल, सस्ते दामों में भारत को तेल बेच रहे रूस पर नकेल कसने के लिए जी-7 समूह और यूरोपीय यूनियन जल्द ही प्राइस कैप का ऐलान करने वाला है। ऐसे में इसका असर भारत पर पड़ सकता है।
प्राइस कैप पर मंजूरी के लिए यूरोपीय यूनियन में शामिल सभी देश के राजदूतों ने बैठक की और इसमें प्राइस कैप लेवल का प्रस्ताव भी रखा। मंजूरी मिलते ही प्राइस कैप की घोषणा की जा सकती है।
सूत्रों के अनुसार, यूरोपीय यूनियन रूसी कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर से 70 डॉलर प्रति बैरल के बीच कैपिंग पर विचार कर रहा है। यानी रूस इससे सस्ता या महंगा तेल नहीं बेच पाएगा। अगर इस प्राइस कैप को मंजूरी मिलती है तो यह कैंपिग सीमा रूस की उत्पादन लागत से अधिक होगी। फिलहाल रूस अपने कच्चे तेल को छूट पर बेच रहा है। इस प्राइस कैप से उसके व्यापार पर प्रभाव पड़ सकता है।
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