- कुमरदा को मिला तहसील का दर्जा और नगर पंचायत में विकास कार्यों के लिए 1 करोड़ रूपए की घोषणा
- मरकाकसा से जोब तक होगा सड़क निर्माण
- तेलिनबांधा और झिथराटोला की हाईस्कूलों का होगा हायर सेकेंडरी में उन्नयन
- छुरिया स्थित माँ दंतेश्वरी मंदिर का किया जायेगा जीर्णाेद्धार एवं सौंदर्यीकरण
- उमरवाही और गेंदाटोला में बनेगा सेक्टर स्तरीय महिला प्रशिक्षण भवन
- मुख्यमंत्री ने किसानों से पर्यावरण संरक्षण और गौ सेवा के लिए पैरादान करने की अपील की
रायपुर । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात अभियान के तहत राजनांदगांव जिलेे के खुज्जी विधानसभा के ग्राम छुरिया में स्थित लगभग 200 साल पुराने शीतला माता मंदिर पहुँचे और संपूर्ण विधि-विधान से माता शीतला की पूजा-अर्चना की। उन्होंने माता शीतला से प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने क्षेत्रवासियों से भेंट-मुलाकात आरम्भ करते हुए कहा कि प्रदेश में हमारी सरकार को बने चार साल हो गए, जिनमें से दो साल कोरोना संकट में बीत गया। इन चार सालों के दौरान राज्य सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं का ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वयन हुआ है या नहीं जानने के लिए मैंने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाक़ात अभियान की शुरुआत की है। प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ में सभी वर्गों के समुचित विकास के पुरखों के सपने को पूर्ण करने के लिए प्रतिबद्ध है।
हमने सरकार बनते ही किसानों का ऋण माफी भी किया और धान के समर्थन मूल्य के साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना में इनपुट सब्सिडी देने की व्यवस्था की। इससे कोरोना संकट काल में किसानों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई। आज हमारे द्वारा शुरू किये गए आजीविका मूलक गतिविधियों, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने वाली योजनाओं और समावेशी विकास के मॉडल को अन्य राज्य अपनाने में लगे हुए हैं। हमारी सरकार ने न केवल धान खरीदी का काम किया बल्कि कोदो, कुटकी, रागी जैसे लघु धान्य फसलों की भी खरीदी की जा रही है। वनवासियों को उनकी मेहनत का वाजिब कीमत मिले इसके लिए तेंदूपत्ता की ख़रीदी 2500 से बढ़ाकर 4000 रुपये की गई है। वहीं समर्थन मूल्य पर 7 से बढ़ाकर 65 तरह के लघुवनोपजों की ख़रीदी की जा रही है। छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार की योजनाओं से पलायन रुका। अब छत्तीसगढ़ में रिवर्स माइग्रेशन हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने क्षेत्रवासियों से खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर भी सही तरीके से हो रहा है जिसका लाभ आमजन को मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री ने किसानों से पर्यावरण संरक्षण और गौ सेवा के लिए वृहद रूप से पैरादान अभियान में शामिल होने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोई भी बच्चा आर्थिक तंगी की वजह से अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए। इसी को ध्यान में रखकर स्वामी आत्मानंद अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल की शुरुआत की गयी है। वहीं हिंदी माध्यम में भी स्वामी आत्मानंद स्कूल का संचालन शुरू किया गया है। इस पहल से छत्तीसगढ़ के बच्चों को बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने छुरिया में आत्मानंद स्कूल के बच्चों के साथ वक्त बिताया। उन्होंने कैरम खेल रहे छात्रों मयंक, साबिर, धीरज के पास पहुँचकर कैरम खेलने की इच्छा ज़ाहिर की और उनके साथ कैरम पर हाथ भी आजमाया।
भेंट-मुलाकात के दौरान ग्राम ऊंचाटोला के श्री श्रवण कुमार ने बताया कि उनकी तीन एकड़ की खेती है। राज्य सरकार द्वारा ऋण माफ़ी में उनका 50 हज़ार रुपये का क़र्ज़ माफ़ हुआ। वहीं धान बेचने के एवज़ में उनकी फसल का सही दाम मिल रहा है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से मिले आदान सहायता से पैसे बच रहे हैं। जिनका उपयोग वे अपने खेतों को व्यवस्थित करने में कर रहे हैं। किसान श्री आकाश लोधी ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य सरकार द्वारा ऋणमाफी किए जाने से उनका 80 हज़ार रुपये का क़र्ज़ा माफ़ हुआ, जिससे उन्हें खेत भी नहीं बेचना पड़ा और अब घर की दैनिक ज़रूरतों की भी पूर्ति आसानी से हो जा रही है। उन्होंने गोबर बेचकर ही एक सेकंड हैंड बाइक भी खरीदी है।
ग्राम दैहान निवासी नरेश कुमार ने बताया कि घर पर मवेशी होने के कारण वे सप्ताह में 3 से 4 क्विंटल गोबर का विक्रय करते है। इस योजना से अब घर पर गोबर को रखने की समस्या भी दूर हुई और बदले में पैसे भी मिल रहे हैं, जिससे वे घर की आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम हो सके हैं। श्रीमती शीतला चंद्रवंशी ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके समूह ने 2.5 लाख का गोबर बेचा। इस पर मुख्यमंत्री ने समूह की महिलाओं के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी।