नयी दिल्ली। सरकार ने सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को बहुत अच्छाÓ प्रदर्शन रेटिंग दिया है। इस कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यह रेटिंग सार्वजनिक उद्यम विभाग द्वारा जारी ओएम में दी गई है। सीईएल का एमओयू स्कोर 100 के पैमाने पर 75.55 है। सीईएल कई वर्षों से लाभ कमाने वाला पीएसयू है। यह प्रशंसनीय है कि सीईएल ने कोविड -19 महामारी के बावजूद, जिसने हर जगह व्यापार और विनिर्माण कार्यों को प्रभावित किया है, उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
सीईएल के जनसम्पर्क अधिकारी शर्मा ने बताया कि सीईएल सौर प्रौद्योगिकी, रेलवे इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक सिरेमिक और माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स में अग्रणी है। सीईएल ने वर्ष 1978 में भारत के पहले सोलर सेल और पहले सोलर मॉड्यूल का निर्माण किया। 43 वर्षों से कंपनी सोलर लालटेन, सोलर होम लाइटिंग सिस्टम, सोलर स्ट्रीट लाइट, जल पम्पिंग सिस्टम, सौर ऊर्जा संयंत्र, आदि विभिन्न सोलर पीवी उत्पादों के माध्यम से देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में सेवा दे रही है। सीईएल ने हिमालय के दुर्गम बर्फीले क्षेत्रों में भारतीय सशस्त्र बलों के उपयोग के लिए फोल्डेबल सौर मॉड्यूल की आपूर्ति कर चुका है। सीईएल ने भारत के दूरस्थ और दुर्गम स्थानों पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की है।
कंपनी ने सौर रिक्शा की छत के रूप में उपयोग के लिए विशेष लचीले सौर पैनलों का डिजाइन और निर्माण किया है। ये सौर पैनल पूरे दिन बैटरी की निरंतर चार्जिंग प्रदान करते हैं और रिक्शा द्वारा एक दिन में तय की जाने वाली दूरी को प्रभावी ढंग से दोगुना कर देते हैं जिसके परिणामस्वरूप रिक्शा चालकों द्वारा शारीरिक प्रयास में कमी के साथ-साथ उनकी दैनिक आय में वृद्धि होती है। सीईएल ने रेलवे कोचों की छतों पर सोलर पीवी मॉड्यूल भी स्थापित किए हैं जिनसे कोचों को विभिन्न इन-कोच सुविधाओं को चलाने के लिए कोचों को बिजली मिलती है। कंपनी सरकार की विभिन्न स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में एक सक्रिय प्रतिभागी है और परियोजना प्रबंधन परामर्श भी प्रदान करती है।
उन्होंने बताया कि सीईएल ने अपने परिसर में कई प्रकार के बिजली संयंत्रों को डिजाइन और स्थापित किया है। सीईएल के प्रशासनिक भवन की पूरी ऊर्जा आवश्यकता सौर उर्जा के माध्यम से पूरी की जाती है और इसे प्लेटिनम रेटेड प्रतिष्ठित आईजीबीसी ग्रीन मौजूदा बिल्डिंग अवार्ड मिला है। कार पार्किंग क्षेत्र को कवर करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन और निर्मित सौर पैनलों का उपयोग करते हुए चार बीआईपीवी (बिल्डिंग इंटीग्रेटेड फोटो वोल्टाइक) बिजली संयंत्र हैं जो रेलवे प्लेटफॉर्म, औद्योगिक शेड, गोदामों आदि के लिए प्रदर्शन संयंत्र के रूप में कार्य करते हैं।
सीईएल के प्रवक्ता ने बताया कि आरडीएसओ अनुमोदित रेलवे सुरक्षा और सिग्नलिंग सिस्टम का देश का अग्रणी निर्माता है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है और यह नई पीढ़ी के फेलसेफ रेलवे सिग्नलिंग और सुरक्षा प्रणालियों के विनिर्माण का कार्य कर रहा है। सीईएल भारत सरकार की मेक-इन इंडिया पहल को पूरा कर रहा है। भारत की राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों को लेकर और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं (डेवलपर), निर्माता और प्रमोटर के बीच साझा मंच स्थापित करके सीईएल सामरिक और रक्षा अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण उत्पादों का निर्माण कर रहा है जिसमें मिसाइलों के लिए सिरेमिक रेडोम, रडार के लिए पीसीएम, इसरो के लिए सर्कुलेटर और आइसोलेटर्स, बॉडी आर्मर्स (बुलेट प्रूफ जैकेट और वेस्ट), सीमा सुरक्षा के लिए लेजर फेंसिंग सिस्टम और हवाई जहाजों की सुरक्षित लैंडिंग के लिए दृष्टि उपकरण शामिल हैं। सीईएल विभिन्न सरकारी प्रतिष्ठानों में एकीकृत सुरक्षा और निगरानी परियोजनाओं को भी क्रियान्वित कर रहा है।
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