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पिनाका-ईआर का परीक्षण सफल, दुश्मनों के मंसूबे को तबाह करेगा मल्टी बैरल लॉन्चर सिस्टम

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली । पिनाका रॉकेट लॉन्चर प्रणाली की क्षमता को बढ़ाते हुए डीआरडीओ ने शनिवार को उन्नत संस्करण पिनाका-ईआर (विस्तारित रेंज) का सफल परीक्षण किया। पोखरण रेंज पर हुए इस मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का परीक्षण पूरा हुआ। डीआरडीओ ने इसे पुणे की आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) व हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेटी (एचईएमआरएल) के साथ मिलकर डिजाइन किया है। इस तकनीकी को भारतीय उद्योग क्षेत्र को हस्तांतरित कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, ईआर पिनाका पिछले एक दशक से सेना में सेवा दे रही पिनाका का उन्नत संस्करण है। इस प्रणाली को नई टेक्नोलॉजी के साथ उभरती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। हाल ही में चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अपने बाहुबली ‘पिनाकÓ रॉकेट सिस्टम को तैनात कर दिया है।

भगवान शिव के धनुष ‘पिनाकÓ के नाम पर बना यह मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर पूरी तरह स्वदेशी है, जिसे डिफेंस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन ने तैयार किया है। अगस्त 2020 में रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए पिनाक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर के निर्माण के लिए 2,580 करोड़ रुपये की डील की थी। इसके लिए लॉर्सन ऐंड ट्रुबो और टाटा एयरोस्पेस ऐंड डिफेंस को कॉन्ट्रैक्ट मिला है। सरकारी कंपनी क्चश्वरूरु को रॉकेट लॉन्चर के लिए ट्रकों की सप्लाई का ठेका मिला है। डीआरडीओ ने पूरी तरह स्वदेशी पिनाक की तकनीक को देश के प्राइवेट सेक्टर को सफलता से ट्रांसफर किया है। पिनाक से जुड़े 6 नए रेजिमेंट्स में 4 के लिए कॉन्ट्रैक्ट रु&ञ्ज को मिला है जबकि बाकी 2 के लिए टाटा एयरोस्पेस ऐंड डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग करेगी।

वहीं जून में ओडिशा तट के चांदीपुर रेंज में पिनाका रॉकेट के एडवांस वर्जन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस स्वदेशी रॉकेट का परीक्षण मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर से 24-25 जून को किया गया। एडवांस वर्जन वाले 25 पिनाका रॉकेट को लक्ष्य पर ताबड़तोड़ छोड़ा गया। इन सभी रॉकेट को अलग अलग रेंज से छोड़ा गया था। लॉन्चिंग के दौरान मिशन के सभी उद्देश्य पूरे हुए। बता दें, इससे पहले इस रॉकेट की रेंज 37 किलोमीटर थी। पिनाका रॉकेट के ऊपर हाई एक्सप्लोसिव फ्रेगमेंटेशन, क्लस्टर बम, एंटी-पर्सनल, एंटी-टैंक और बारूदी सुरंग उड़ाने वाले हथियार लगाए जा सकते हैं। यह रॉकेट 100 किलोग्राम तक के वजन के हथियार उठाने में सक्षम थी।

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