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आमजन से जीवंत संपर्क बनाएं गवर्नर : राष्ट्रपति

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि राज्यपालों को लोगों से जीवंत संपर्क बनाना चाहिए। उन्हें संविधान निर्माताओं ने जनता व सरकार का मित्र, दार्शनिक व मार्गदर्शक माना था। राज्यपालों को अपने राज्यों को ज्यादा से ज्यादा समय देना चाहिए। यह बात उन्होंने राष्ट्रपति भवन में गुरुवार को राज्यपालों और उपराज्यपालों के 51वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। राष्ट्रपति कोविंद ने राज्यपालों व उपराज्यपालों से यह भी कहा कि वे याद रखें कि राज्य के लोगों के कल्याण व सेवा के प्रति वे वचनबद्ध हैं। राज्यपालों की जिम्मेदारी का जिक्र करते हुए कोविंदन ने कहा कि हमारे विशेषज्ञ संविधान निर्माताओं की राय थी कि राज्यपाल आम लोगों व सरकार के दोस्त, दार्शनिक व मार्गदर्शक होंगे। इस मौके पर सभी राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल और उपराज्यपाल कॉन्फ्रेंस का हिस्सा बनने पहुंचे।

इसके अलावा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस सम्मेलन में हिस्सा लिया। बताया गया है कि राष्ट्रपति ने सम्मेलन के दौरान 2019 के बाद नियुक्त हुए सभी राज्यपालों और उपराज्यपालों को बधाई दी और फिर पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह, लालजी टंडन और मृदुला सिन्हा के निधन पर शोक जताया।

कोरोना महामारी पर कोविंद ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते हम दो साल के अंतराल पर मिल रहे हैं। इस मौके पर हमें फ्रंटलाइन वर्कर्स को श्रेय देना चाहिए जो कि कोरोना से लडऩे में सबसे अहम भूमिका निभा रहे हैं। इतना ही नहीं राष्ट्रपति ने भारत में जल्द से जल्द वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए वैज्ञानिकों और आंत्रप्रेन्योर्स के काम की भी सराहना की। उन्होंने महामारी रोकने के लिए राज्यों की तरफ से की गई कोशिशों पर चर्चा की और उनकी तारीफ की। राष्ट्रपति ने इस महीने स्कॉटलैंड के ग्लासगो में जारी कॉप26 समिट की भी बात की, जिसमें भारत ने 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का वादा किया है।

कोविंद ने कहा कि भारत को एक बड़ी आर्थिक शक्ति बनने के साथ पेरिस जलवायु समझौते के वादों को पर भी मजबूती से दुनिया के सामने आना चाहिए। गौरतलब है कि राज्यपालों, उपराज्यपालों का यह सम्मेलन एक परंपरा है, जो 1949 से चली आ रही है। पहला सम्मेलन 1949 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल सी राजगोपालाचारी ने की थी। अधिकारियों ने कहा कि कोविंद की अध्यक्षता में यह चौथा सम्मेलन है।

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