नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान (एएसईएएन) की एकता और केन्द्रीयता भारत के लिए हमेशा प्राथमिकता रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल माध्यम से आयोजित भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में कहा कि भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) और हिंद प्रशांत के लिए आसियान का दृष्टिकोण इस क्षेत्र में उनके साझे नजरिए एवं आपसी सहयोग की रूपरेखा हैं। उन्होंने कहा कि 2022 में भारत और आसियान की साझेदारी को 30 वर्ष पूरे हो जाएंगे और इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को आसियान-भारत मित्रता वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के प्रकोप के बीच आपसी सहयोग भारत और आसियान के संबंधों को भविष्य में मजबूत करता रहेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और आसियान के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंध हैं जो हमारे साझा मूल्यों, संस्कृति, परंपराओं, भाषा और खान पान संबंधी आदतों में झलकते हैं। आसियान की एकता और केंद्रीय नीति हमेशा भारत के लिए एक महत्वपूर्ण रही है। भारत और आसियान के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंध हैं जो हमारे साझा मूल्यों, संस्कृति, परंपराओं, भाषा और खान पान संबंधी आदतों में झलकते हैं।आसियान की एकता और केंद्रीय नीति हमेशा भारत के लिए एक महत्वपूर्ण रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18वें आसियान-भारत सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आसियान देशों के साथ भारत के पुराने संबंध है।

पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत और आसियान के बीच हजारों साल से जीवंत संबंध रहे हैं। इनकी झलक हमारे साझा मूल्य, परम्पराएं, भाषाएं, ग्रन्थ, वास्तुकला, संस्कृति, खान-पान दिखाते हैं। आसियान की एकता भारत के लिए सदैव एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता रही है। कोरोना काल में आपसी संबंध और मजबूत हुए हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत-आसियान सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा दुनिया अब भी कोरोना से जूझ रही है। कोरोना काल में भारत को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कोरोना महामारी के बाद आर्थिक सुधार सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर भी मंथन किया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2022 में हमारी पार्टनरशिप के 30 वर्ष पूरे होंगे। भारत भी अपनी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे करेगा। मुझे बहुत हर्ष है कि इस महत्वपूर्ण पड़ाव को हम आसियान-भारत मित्रता वर्ष के रूप में मनाएंगे।
इन मुद्दों पर चर्चा
18वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन कोरोना महामारी, अंतर्राष्ट्रीय विकास, व्यवसायों और अन्य मुद्दों पर केंद्रित है। इसके साथ ही सम्मेलन में रणनीतिक साझेदारी की स्थिति की समीक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और वाणिज्य, कनेक्टिविटी और शिक्षा व संस्कृति सहित प्रमुख क्षेत्रों में हुई प्रगति पर चर्चा होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली और ब्रिटेन की पांच दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को रवाना होंगे। इस दौरान वह जी-20 शिखर वार्ता में हिस्सा लेंगे। दो दिवसीय शिखर वार्ता 30 अक्तूबर से इटली में शुरू हो रही है। उसके बाद वह ग्लासगो, ब्रिटेन के दौरे पर जाएंगे। माना जा रहा है कि पीएम मोदी जी-20 की अहम बैठक में दुनिया से अफगानिस्तान पर संयुक्त दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान करेंगे।
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