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by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि देश को कम से कम 600 मेडिकल कॉलेजों, 50 एम्स जैसे संस्थानों और 200 सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बुनियादी ढांचा विकास क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी जैसा मॉडल स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में भी आजमाया जाना चाहिए।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी महाराष्ट्र के सतारा जिले के कराड शहर में कोविड-19 योद्धाओं के सम्मान में बोल रहे थे। गडकरी ने एक पुरानी बात का जिक्र करते हुए कहा, एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान मैंने उनसे वेंटीलेटर की कमी के बारे में बताया। उन्होंने मुझसे पूछा कि देश में कितने वेंटीलेटर हैं, इस पर मैंने कहा कि करीब ढाई लाख। उन्होंने कहा कि जब देश में कोरोना महामारी फैली तो सिर्फ 13 हजार वेंटीलेटर थे। देश में ऑक्सीजन, बिस्तरों और दूसरी मेडिकल सुविधाओं की भारी कमी थी। लेकिन डॉक्टरों, पैरामेडिकल, नर्सों ने बहुत मदद की। मैं उनके काम की सराहना करता हूं। गडकरी ने कहा कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे अस्पतालों, कोऑपरेटिव और निजी क्षेत्र द्वारा तैयार की गईं मेडिकल सुविधाएं शानदार हैं। गडकरी ने कहा कि सड़क और बुनियादी ढांचा विकास क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी निवेश मॉडल को स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा क्षेत्रों में दोहराया जा सकता है। देश को कम से कम 600 मेडिकल कॉलेजों, 50 एम्स जैसे संस्थानों और 200 सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों की जरूरत है। सरकार उन सामाजिक संगठनों को सहायता प्रदान करने की सोच रही है जो चिकित्सा और शिक्षा क्षेत्रों में काम कर रही हैं।
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