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कोरोना से निपटने के लिए भारत ने जो किया कोई… अन्य देश नहीं कर सकता : सुप्रीम कोर्ट

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली। कोरोना से निपटने में केंद्र सरकार के इंतजामों और कोविड-19 से मरने वालों के परिजनों को 50 हजार रुपए देने के केंद्र सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने खुशी जाहिर की है। कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों को मुआवजे के तौर पर 50 हजार रुपए देने के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज हम बहुत खुश हैं और भारत ने जो किया है, ऐसा किसी अन्य देश ने नहीं किया होगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की इस फैसले पर विचार किया और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 4 अक्टूबर फैसला सुनाएगा। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम से उन लोगों के परिजनों को थोड़ी सांत्वना मिलेगी, जिन्होंने अपनों को खोया है। न्यायमूर्ति एमआर शाह ने कहा कि आज हम बहुत खुश हैं। जस्टिस शाह ने कहा कि हमें खुशी है कि पीडि़त व्यक्ति के आंसू पोंछने के लिए कुछ किया जा रहा है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सिफारिश की है कि कोविड -19 से मरने वालों के परिजनों को 50,000 रुपये दिए जाएं, इसकी सूचना केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को दी है।

जस्टिस शाह और एएस बोपन्ना ने भी कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए भारत के इंतजामों की सराहना की। जस्टिस शाह ने कहा कि हम यह भी जानते हैं कि वित्तीय बाधाएं हमेशा होती हैं। सरकारों को अन्य परियोजनाएं भी चलानी पड़ती हैं, जो एक कर्तव्य है और जिसे वे भी पूरा कर रहे हैं। अधिक जनसंख्या और वित्तीय बाधाओं की इतनी सारी समस्याओं के बावजूद बेहतर कदम उठा गए हैं। भारत ने जो किया है, किसी अन्य देश ने नहीं किया होगा।
दरअसल, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोरोना से मौत पर परिवार को 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। केंद्र ने स्पष्ट किया था कि यह मुआवजा राज्य सरकार की ओर से दिया जाएगा और इसमें वो लोग भी शामिल होंगे, जो कोरोना की लड़ाई में किसी न किसी तरह से जुड़े थे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में मुआवजे की राशि को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं। विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष केंद्र सरकार ने पहले ही कह दिया था कि वह कोरोना से होने वाली हर मौत पर परिजन को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दे सकती है। हालांकि, कोर्ट ने भी सरकार की इस बात पर सहमति जताई थी और बीच का रास्ता निकालने को कहा था।
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