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राग… द्वेष और निन्दा से जो दूर रहे उसका जीवन निर्मल और सफल – भंते जीवक

by Bhupendra Sahu

भिलाई। दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया शाखा और महिला प्रकोष्ठ के संयुक्त नेतृत्व मे बुद्ध विहार सेक्टर 6 मे पूज्य भंते डा. जीवक के दौरान श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर इसके महत्व को भंते जीवक ने उपस्थित बौद्ध उपासक उपासकिओ को धम्म देशना देते हुए कहा कि भगवान बुद्ध ने आषाढ पूर्णिमा से श्रावण पूर्णिमा तक दस शीलो का पालन किया था।

भंते ने कहा कि जो व्यक्ति अपने जीवन काल मे राग, द्वेष और निन्दा से दूर रहता है उसका जीवन निर्मल निष्कलंक और सफल होता है उन्होने कहा कि वैसे तो वर्षावास का प्रत्येक दिन महत्वपूर्ण होता है किन्तु पूर्णिमा और अमावस्या के दिन बौद्धो को सामूहिक रूप से एकत्र होकर धम्म ज्ञान का ग्रहण व अनुसरण करना चाहिए।

ज्ञान और शील का अपने आचरण मे समावेश करना चाहिए धम्म देशना के दौरान अनिल मेश्राम, सुधेश रामटेके, ठाणेन्द्र कामडे, गौतम खोब्रागड़े, अरूण श्यामकुवर, राजू मेश्राम, जयश्री बौद्ध, गीताकिरण श्यामकुवर, संगीता खोब्रागड़े, वंदना बौद्ध, सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।

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