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बदलता बस्तर: नई तस्वीर : ‘फिजियोथैरेपी तुमचो दुआर‘ के द्वारा जिले के वृद्धजनों एवं निःशक्तों का हो रहा उपचार…

by Bhupendra Sahu

कोण्डागांव  /  स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के आमजनांे को आधुनिक एवं उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य के तहत् विभिन्न नवीन उपचार पद्धतियों द्वारा मरीजों के उपचार हेतु निरंतर प्रयास किये जा रहे है। इसक्रम में राज्य में पहली बार कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा के मार्गदर्शन से कोण्डागांव जिले में अभिनव पहल के तहत् नवीन ‘फिजियोथैरेपी तुमचो दुआर‘ अभियान प्रारंभ किया गया है। मालुम हो कि इस अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विगत् 27 जनवरी को कोंगेरा में आयोजित आमसभा में ‘फिजियोथैरेपी तुमचो दुआर‘ के वाहन को हरी झण्डी दिखाकर किया गया था। इस अभियान के अंतर्गत लकवा, जोड़ो का दर्द, बैलेंसिंग की समस्या, कपंकपी, लड़खड़ाहट, चलने फिरने में असमर्थता, श्वास की समस्या (दमा), शरीर के किसी भाग में झुनझुनाहट या शून्यपन आ जाना, गर्दन की जकड़न, पार्किंसन, अस्थिबाधित, मांसपेशियों के दर्द, हड्डियों के दर्द, जैसे अन्य विलक्षण रोगों से पीड़ित वृद्ध एवं निःशक्त जन का ईलाज फिजियोथैरेपी द्वारा घर-घर जाकर किया जा रहा है। इस अभियान के लिये सर्वप्रथम कलेक्टर के मार्गदर्शन में जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ0 टीआर कुंवर के निर्देश पर फिजियोथैरेपी हेतु विशेष वाहन डीएमएफ मद से क्रय किया गया था। जिसके पश्चात् जिला अस्पताल के फिजियोथैरेपिस्ट डाॅ0 पद्मनाथ बघेल को जिले के अंदरूनी ईलाकों में फिजियोथैरेपी सेवाओं के लिये निर्देशित किया गया।

पूरे प्रदेश में केवल कोण्डागांव में है चलित फिजियोथैरेपी सुविधा
इस संबंध में डाॅ0 बघेल ने बताया कि राज्य में कोण्डागांव एकमात्र जिला है जहां फिजियोथैरेपी की सेवा घर-घर तक वृद्धजनों के लिये उपलब्ध कराई जा रही है। योजना कोरोना काल के दौरान प्रारंभ होने से संचालन में कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। शुरूवात में ग्रामीणजन में फिजियोथैरेपी के संबंध में ज्ञान न होने के कारण वाहन को वैक्सिनेशन या कोरोना टेस्टिंग वाहन समझकर ईलाज से कतराया जाता था। आधुनिक मशीनों द्वारा भी फिजियोथैरेपी में उपचार करने के दौरान लोगों में भ्रांतियां थी। जिसके निदान के लिये सर्व प्रथम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को जागरूक करने हेतु घर-घर जाकर इसके संबंध में जानकारी दी गई। तत्पश्चात फिजियोथैरेपी का जीवंत प्रदर्शन ग्रामीणों के समक्ष किया गया। जिससे लोगों में फैली भ्रांतियां अब दूर हो गई है।
इसके अतिरिक्त डाॅ0 बघेल ने बताया कि फिजियोथैरेपी में व्यायाम एवं कुछ मशीनों की सहायता से उपचार किया जाता है। इससे लंबी बीमारियों से पीड़ित मरीजों का भी उपचार संभव हो पाता है। वर्तमान में कोरोना के ठीक होने के पश्चात् भी मरीजों की पिंडलियों में दर्द की काफी शिकायतें आयीं थीं। जिसका निदान फिजियोथैरेपी के माध्यम से किया गया। इस चलित वाहन सेवा के द्वारा वयोवृद्ध मरीज जिन्हें चलने-फिरने में समस्याओं का सामना करना पड़ता था। उनका फिजियोथैरेपी से ईलाज किये जाने से अब वे चलने में सक्षम हो गये हैं।
प्रारंभ में पांच गांवों को लक्षित कर की जा रही फिजियोथैरेपी
उल्लेखनीय है कि फिजियोथैरेपी द्वारा ईलाज हेतु कुछ दिनों के अंतराल में बार-बार उपचार की आवश्कयता होती है। ऐसे में अधिक गांवों में एक साथ उपचार किया जाना संभव नहीं हो पाता इसलिये जिला कार्यक्रम अधिकारी सोनल धु्रव के सहयोग से फिजियोथैरेपी की आवश्यकता वाले मरीजों की पहचान कर उसके अनुसार अधिक आवश्यकता वाले क्षेत्रों पर विशेष बल देते हुए रोस्टर तैयार कर प्रारंभ में पांच गांवों मड़ानार, भण्डारसिवनी, देवखरगांव, गरावण्डी एवं आंवरी में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रकार अब तक ऐसे 23 बार शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। इसके अलावा फरसगांव, बड़ेराजपुर, कोण्डागांव एवं माकड़ी में निःशक्तजनों के लिए विशेष शिविरों का भी आयोजन कर सहायक उपकरणों का वितरण भी किया गया था। इन शिविरों में अब तक 651 मरीजों का ईलाज किया गया है।
‘फिजियोथैरेपी तुमचो दुआर‘ अभियान से जिले के वृद्ध एवं अस्थिबाधित मरीजों को वास्तव में राहत मिल रही है। खासतौर पर ऐसे मरीज जिन्हे इस मर्ज के ईलाज के लिए लगातार स्वास्थ्य केन्द आना पड़ता था उन्हें अपने घर के समीप ही उपचार का सुविधा उपलब्ध कराना अभियान की प्रमुख उपलब्धि कही जा सकती है।

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