Home » अग्निपरीक्षा के लिए तैयार हैं भारत की छोरियां, फाइनल जीतने की तरफ होगी महिला हॉकी टीम की निगाह

अग्निपरीक्षा के लिए तैयार हैं भारत की छोरियां, फाइनल जीतने की तरफ होगी महिला हॉकी टीम की निगाह

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय महिला हॉकी टीम ने इतिहास रचकर पहले ही सेमीफाइनल में जगह बना ली है। शुरुआती झटकों का सामना करने वाली भारतीय महिला टीम की 18 सदस्यीय खिलाड़ी सेमीफाइनल में अर्जेंटीना को हराकर अपनी उपलब्धियों को चरम पर पहुंचाने के लिए बेकरार हैं। हालांकि महिला खिलाड़ियों में अब आत्मविश्वास की बिल्कुल भी कमी नहीं है क्योंकि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर ओलंपिक इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। भारतीय महिला टीम के लिए यह खुशी का पल रहा और उनके आंसुओं ने नया इतिहास रचने की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। इतना ही नहीं आजादी के बाद भारत के लिए यह पल शीर्ष 10 ओलंपिक क्षणों में शुमार होंगे। अभीतक भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ही भारत को पीठ थपथपाने का मौका दिया था लेकिन इस पर भी विराम लग गया था और टोक्यो ओलंपिक में उम्मीदें जगी थी जिसे बेल्जियम ने चकनाचूर कर दिया।

अब सारे हिन्दुस्तान की निगाहें सिर्फ और सिर्फ महिला हॉकी टीम पर टिकी हुई हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में भारतीय टीम ने अच्छा डिफेंस किया और फिर गोल दागने की कोशिश में जुट गईं थीं। ऐसे में गुरजीत कौर ने 22वें मिनट में पेनल्टी कार्नर को गोल में बदला जो निर्णायक साबित हुआ।
महिला टीम का ओलंपिक में इससे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन मास्को ओलंपिक 1980 में रहा था जब वह छह टीमों में चौथे स्थान पर रही थी। महिला हॉकी ने तब ओलंपिक में पदार्पण किया था और मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गये थे जिसमें शीर्ष पर रहने वाली दो टीमें फाइनल में पहुंची थी।
हालांकि अर्जेंटीना के खिलाफ भारत अग्निपरीक्षा के लिए तैयार है और अब उनकी कोशिश फाइनल में पहुंचने की होगी। फिलहाल भारतीय महिला टीम रैकिंग में सातवें स्थान पर पहुंच गई है जो उसकी अभी तक की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है।

अर्जेंटीना की महिला टीम ने सिडनी 2000 और लंदन 2012 में रजत पदक जीता था लेकिन अभी तक स्वर्ण पदक हासिल नहीं कर पाईं हैं। वह 2012 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची थीं। उसने क्वार्टर फाइनल में 2016 के ओलंपिक कांस्य पदक विजेता जर्मनी को 3-0 से हराया था। हालांकि जब अर्जेंटीना और भारत के रिकॉर्ड की तरफ नजर दौड़ाते हैं तो अर्जेंटीना का पलड़ा भारी लग रहा है।

वैसे भी भारतीय कप्तान रानी रामपाल ने यह साफ कर दिया था कि वह विजयरथ को यहीं पर रुकने नहीं देना चाहती हैं। हिन्दुस्तान के खेलेप्रेमी भी स्वर्ण पदक की उम्मीद लगाए बैठे हुए हैं।

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More