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भैरमगढ़ की महिला स्व-सहायता समूह बना रही है बाँस-ताड़, मोती-रत्न, धागे और ऊन की स्वदेशी राखियाँ

by Bhupendra Sahu
  • समूह की महिलायें साथ ही बना रही हैं बाँस के गहनें जल्द बाज़ार में नज़र आयेगी मनवा बीजापुर शक्ति राखियाँ और गहनें

बीजापुर  । भाई बहन के प्रेम, विश्वास और रक्षा का संकल्प का त्यौहार रक्षाबंधन आने वाला है। जिसे देखते हुये बीजापुर जिले के भैरमगढ़ ब्लाक अंतर्गत ग्राम कर्रेमरका और बेलचर की स्व सहायता समूह की महिलायें इन दिनों राखियाँ बनाने में जुटी हुयी हैं। महिलायें विशेष तौर पर बाँस और ताड़ की राखियाँ बना रही हैं जिसमें मोती, रत्न, ऊन और धागे का उपयोग किया जा रहा है। राखियों के साथ ही महिलायें बाँस की आकर्षक गहने भी बना रहीं हैं। इस बारे में कर्रेमरका की हिंगलाजिन महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष रमशीला यादव बताती हैं कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से उनके समूह के सदस्यों को राखी बनाने के लिए उत्कृष्ट डिजाईनरों से प्रशिक्षण प्रदान किया गया था। इसके साथ ही आवश्यक सहायता भी उपलब्ध करायी गई, जिससे उनका समूह सजावटी आकर्षक राखियां बना रही हैं। उनके समूह को उम्मीद है कि रक्षाबन्धन के त्यौहार से अच्छी आमदनी होगी।

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी महिलाओं के राखियाँ बनायी थी, कोरोना की वजह से लॉकडाउन था बावजूद इसके उन्हें अच्छी खासी आमदनी हुयी थी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान की महिलाओं को पेशेवर डिज़ाइनरों की आकर्षक राखियाँ और गहने बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जनपद पंचायत भैरमगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अरकरा ने बताया कि कलेक्टर श्री रितेश कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में महिला स्व-सहायता समूहों को विभिन्न आयमूलक गतिविधियों के संचालन हेतु प्रशिक्षण देने के साथ ही सहायता उपलब्ध करायी गई है। जिसके फलस्वरूप कर्रेमरका एवं बेलचर की इन महिला समूहों द्वारा करीब 800 आकर्षक एवं सुंदर राखियां बनायी गई हैं। उक्त निर्मित राखियों का विक्रय बिहान मार्ट में किया जायेगा। इसके साथ ही ऑनलाइन आर्डर भी लिये जाएंगे। महिलाओं को प्रोत्साहित करने अधिक से अधिक राखियाँ बिकवाने के लिये राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा होलसेल व्यवसायी एवं खुदरा दुकानदारों को उपलब्ध करवाया जाएगा। ऑनलाइन आर्डर के लिये 88178-50756 पर कॉल किया जा सकेगा।

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