रायपुर प्रदेश में धान उपार्जन केंद्रों पर लागू पारदर्शी, डिजिटल और समयबद्ध व्यवस्था से किसानों को बड़ी राहत मिल रही है। ऑनलाइन टोकन प्रणाली, त्वरित भुगतान और बेहतर प्रबंधन के कारण धान विक्रय की प्रक्रिया अब पूरी तरह सरल, सुगम और किसान-हितैषी बन गई है।
सरगुजा जिले सहित राज्य के विभिन्न जिलों में किसान ‘किसान तुंहर टोकन’ ऐप के माध्यम से घर बैठे टोकन प्राप्त कर रहे हैं, जिससे उन्हें उपार्जन केंद्रों के अनावश्यक चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं। अंबिकापुर विकासखंड के ग्राम पंचायत भिट्ठी कला के किसान श्री गुलाब राम राजवाड़े ने बताया कि इस वर्ष धान की उपज अच्छी हुई है और उनके पास कुल 109 क्विंटल धान का रकबा है। उन्होंने डिजिटल माध्यम से 90.60 क्विंटल धान का पहला टोकन ऑनलाइन कटवाया।
किसान गुलाब राम राजवाड़े ने बताया कि धान विक्रय के मात्र 48 घंटे के भीतर समर्थन मूल्य की राशि सीधे उनके बैंक खाते में जमा हो गई, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली। उन्होंने बताया कि दूसरा टोकन भी 16 क्विंटल धान का मोबाइल के माध्यम से आसानी से कट गया और टोकन प्रक्रिया में किसी प्रकार की तकनीकी या अन्य परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने कहा कि डिजिटल व्यवस्था के चलते समय, श्रम और व्यय की बचत हो रही है। टोकन के अनुसार जब वे उपार्जन केंद्र पहुंचे तो गेट पास जारी किया गया, नमी परीक्षण की प्रक्रिया त्वरित रूप से पूरी की गई तथा तत्काल बारदाना उपलब्ध कराया गया। धान विक्रय के दौरान उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हुई। केंद्रों पर किसानों के लिए पेयजल, बैठने और छांव जैसी मूलभूत सुविधाएं भी सुनिश्चित की गई हैं।
कृषक गुलाब राम राजवाड़े ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किसानों को धान का सर्वाधिक समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल दिया जा रहा है, जिससे किसानों को व्यापक आर्थिक लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्राप्त राशि का उपयोग वे कृषि उपकरण खरीदने, गेहूं, सब्जी एवं अन्य फसलों की खेती में कर रहे हैं, जिससे उनकी आय में निरंतर वृद्धि हो रही है।
अंत में किसान गुलाब राम राजवाड़े ने धान खरीदी की वर्तमान व्यवस्था को अत्यंत सराहनीय बताते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय तथा राज्य शासन के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से किसान वर्ग में संतोष और उत्साह का माहौल है।