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पक्के आवास ने बुधिया बाई के जीवन में लाया स्थिरता और सम्मान का उजियारा

by Bhupendra Sahu

रायपुर,परिवार जीवन की वह गाड़ी है जिसकी दो मुख्य कड़ी है पति और पत्नी। इनमें से किसी एक का साथ छूट जाने पर दूसरे के कंधों पर संघर्ष दोगुना हो जाता है। ऐसी ही परीस्थितियों में वर्षों तक पक्के घर का सपना संजोकर रखने वाली श्रीमती बुधिया बाई अब अपने नये आवास को देखकर भावुक हो उठती है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी राज्य के मुखिया, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करती है क्योंकि इनके प्रयासों से आवास का सपना पूरा हुआ है। कबीरधाम जिले के सहसपुर लोहारा के ग्राम पंचायत सिंगारपुर के आश्रित ग्राम भठेलाटोला निवासी श्रीमती बुधिया बाई के पति श्री प्रेमलाल का काफी समय पहले निधन हो गया था। मजदूरी से होने वाले सीमित आय पर अपने चार बच्चों की देखरेख कर परवरिश करने के साथ जर्जर मकान की देखभाल करना उनके लिये बेहद कठिन था। ऐसी परिस्थिति में पक्का मकान बनाना बस एक कल्पना मात्र था। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण ने उनकी इस कल्पना को वास्तविकता में बदल दिया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में श्रीमती बुधिया बाई का चयन हुआ और उनकी आर्थिक स्थिति कों देखते हुये पक्का आवास स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया। स्वीकृति के उपरांत प्रथम किश्त की राशि 40 हजार रूपये उनके बैंक खाता में ऑनलाईन डी.बी.टी. के माध्यम से अंतरित किया गया। जैसे ही प्रथम किश्त प्राप्त हुई श्रीमती बुधिया बाई ने अपने नये आवास का निर्माण कार्य शुरू कर दिया। जैसे-जैसे आवास निर्माण होता गया वैसे-वैसे निर्माण की प्रगति के आधार पर द्वितीय एवं आवास पूर्णता के पश्चात अंतिम किश्त प्रदान किया गया। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में जॉब कार्डधारी श्रीमती बुधिया बाई सीएच-02-003-072-002/129-ए में पंजीकृत होने के कारण उन्हे एवं परिवार को 90 दिवस का अकुशल रोजगार के साथ मजदूरी भुगतान राशि 21870 रूपये भी प्राप्त हुआ। मजदूरी भुगतान से आर्थिक बोझ कम हुआ और मकान निर्माण सुगमता से पूरा हो गया। पक्के मकान के साथ स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण से शौचालय भी बना हुआ है। आज बुधिया बाई के पास एक पक्का मकान है और स्वच्छता एवं उत्तम स्वास्थ्य के लिए शौचालय की व्यवस्था घर में है और बाहर जाने की जरूरत नहीं रही।

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