Home » विष्णु के सुशासन में चिकित्सा- कानूनी प्रकरण(मेडिको लीगल केस) की जाँच के आधुनिकीकरण की ओर बढ़ते कदम

विष्णु के सुशासन में चिकित्सा- कानूनी प्रकरण(मेडिको लीगल केस) की जाँच के आधुनिकीकरण की ओर बढ़ते कदम

by Bhupendra Sahu

रायपुर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में स्वास्थ्य सेवाओं के सर्वसुलभ, सरलीकरण तथा अत्याधुनिकीकरण हेतु निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में चिकित्सालय में आने वाले मेडिको लीगल (एमएलसी) केस में व्यक्ति या पीड़ित के जांच एवं उपचार के लिए क्लिनिकल फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी यूनिट की स्थापना डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के आपात चिकित्सा विभाग में हुई है। आज इस यूनिट का विधिवत शुभारंभ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के कर कमलों से संपन्न हुआ। इस यूनिट के साथ ही साथ स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सा महाविद्यालय के नवनिर्मित मुख्य प्रवेश द्वार का भी उद्घाटन किया।

इस अवसर पर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक पुरंदर मिश्रा, दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुनील सोनी, चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. विवेक चौधरी, अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर, फॉरेंसिक मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. स्निग्धा जैन, फॉरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. नागेंद्र सोनवानी, डॉ. शिवनारायण मांझी, डॉ. महेंद्र साहू (टॉक्सिकोलॉजिस्ट) (Toxicologist), फॉरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. कमल साहू समेत विभाग के अन्य फैकल्टी मेंबर भी मौजूद रहे।

स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस नवीन जांच सुविधा के उद्घाटन के अवसर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि क्लिनिकल फॉरेंसिक मेडिसिन एण्ड टॉक्सीकोलॉजी (CFMT) यूनिट मध्यभारत का पहला एवं पूरे देश का बारहवाँ यूनिट है । जहां पर चोट के मामले जो किसी अपराध का संकेत देते हैं ,उनकी जाँच, शराब के सेवन की ब्रीथ एनालाइज़र द्वारा जाँच, नशा का सेवन करने वालों की उनके यूरिन के माध्यम से पुष्टि तथा पोक्सो कानून के अंतर्गत आने वाले अपराधिक मामलों में उम्र बताने की जाँच करने वाला पहला संस्थान होगा।

उन्होंने कहा कि न्यायपालिका लोगों को न्याय देती है, आज के समय में अपराध की प्रकृति बदलती जा रही है, इसलिए आने वाले दिनों में यह देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक होगा। यह अपराध के जांच और कार्रवाई में सटीक सूचना देने में अहम भूमिका निभाएगी।

उन्होंने कहा कि यह राज्य का ऐसा संस्थान है जहाँ पर एफ.टी.ए. पेपर के द्वारा खून का नमूना डी.एन.ए. जाँच के लिए रखा जायेगा। मेडिको लीगल केस के अंतर्गत किए जाने वाले इन सभी जांचों का सीधा फायदा पुलिस विभाग को एवं माननीय न्यायालय को अपराधिक मामलों के खात्मा करने में होगा।

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More