रायपुर स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने कहा है कि राज्य में शिक्षक एवं शैक्षणिक संसाधनों की कोई कमी नहीं है। जरूरत अपने स्कूल के प्रति प्रेम ओर समर्पण करने वाले और पढ़ाई में रूचि दिखाने वाले समर्पित शिक्षकों की है। राज्य सरकार अच्छे शिक्षकों को जहां पुरस्कृत करेगी वहीं लापरवाह शिक्षकों को सजा देने में भी कोई कोताही नहीं बरतेगी। श्री यादव आज जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में स्कूल शिक्षा विभाग की संभाग स्तरीय बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। श्री यादव ने इस अवसर पर स्कूलों के निरीक्षण हेतु जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के उपयोग के लिए तैयार ऐप को भी लांच किया।
स्कूलों के सतत् निरीक्षण पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिया जोर
मंत्री श्री यादव नेे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए स्कूलों के निरंतर निरीक्षण पर जोर दिया। श्री यादव ने जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर संकुल समन्वयक तक निरंतर स्कूलों का दौरा करने के निर्देश दिए। बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परेदशी, समग्र शिक्षा की एमडी डॉ. प्रियंका शुक्ला, डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी सहित संभाग के सभी आठों जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी, डीएमसी, बीईओ, बीआरसी शामिल थे।
स्कूलों के सतत् निरीक्षण पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिया जोर
तीन वर्षीय समग्र कार्ययोजना बनाने के निर्देश
मंत्री श्री यादव ने सभी जिलों को अगले तीन वर्षों के लिए एक समग्र कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्यालय अधोसंरचना के मजबूत विकास, शैक्षणिक माहौल के संवर्धन और शिक्षण गुणवत्ता में ठोस सुधार को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बच्चों की बेहतर शिक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी और दीर्घकालिक योजनाएँ ही स्थायी सुधार की नींव बनेंगी।
स्कूलों के सतत् निरीक्षण पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिया जोर
ऑनलाइन बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य
शिक्षा मंत्री श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी शिक्षक एवं कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की जाए। उन्होंने बताया कि समय पर उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए विभाग द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है। साथ ही डीईओ, बीईओ और बीआरसी अधिकारियों को विद्यालयों के नियमित निरीक्षण, दौरा चार्ट तैयार करने और उसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार हो सके।
शैक्षणिक परिणाम सुधार हेतु लक्ष्य निर्धारित
वार्षिक परीक्षा परिणामों की समीक्षा करते हुए मंत्री श्री यादव ने कक्षा 10 वीं का परिणाम 85 प्रतिशत तथा 12 वीं का परिणाम 90 प्रतिशत लाने का लक्ष्य निर्धारित किया। उन्होंने कहा कि लक्ष्य केवल उत्तीर्ण तक सीमित नहीं रहे बल्कि विद्यार्थियों को उच्च श्रेणी में उत्तीर्ण कराना है। उन्होंने सभी जिलों को मासिक परीक्षा की सतत निगरानी, ब्लूप्रिंट आधारित अध्ययन, उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग और कुशल शिक्षकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण अध्यापन सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कमजोर बच्चों को चिन्हित कर उनके लिए अतिरिक्त कक्षाएं आयोजित करने को कहा है।