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10 साल पहले के मुकाबले भारत का अनाज उत्पादन 100 मिलियन टन बढ़ गया है: पीएम मोदी

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 30 नवंबर को मन की बात के 128वें एपिसोड में अपने विचार शेयर किए. देश-विदेश में चर्चित इस रेडियो कार्यक्रम में प्रधानमंत्री विभिन्न प्रेरणादायक कहानियों को शेयर करते हैं. प्रधानमंत्री का मकसद इस कार्यक्रम के जरिए अपने अनुभवों के माध्यम से युवाओं को देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करना रहता है.
मन की बात के 128वें एडिशन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, नवंबर का महीना बहुत सारी उम्मीदें लेकर आया है. कुछ दिन पहले 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर संसद के सेंट्रल हॉल में एक खास कार्यक्रम हुआ. वंदे मातरम की 150वीं सालगिरह पर देश भर में बड़े इवेंट्स की एक सीरीज शुरू हुई. 25 नवंबर को अयोध्या के राम मंदिर में धर्म ध्वजा फहराई गई. उसी दिन कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में पांचजन्य मेमोरियल का उद्घाटन हुआ.
पीएम मोदी ने कहा, भारत ने एविएशन सेक्टर में मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल में एक बड़ा कदम उठाया है. पिछले हफ्ते आईएनएस माहे को मुंबई में इंडियन नेवी में शामिल किया गया. इसी दौरान स्काईरूट के इनफिनिटी कैंपस से भारत के स्पेस इकोसिस्टम को एक नया बूस्ट मिला. यह सब भारत के नए आइडिया, इनोवेशन और युवा शक्ति का रिफ्लेक्शन बन गया है.
उन्होंने कहा, भारत ने कृषि क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल की है. भारत ने 357 मिलियन टन अनाज पैदा करके एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया है. 10 साल पहले के मुकाबले भारत का अनाज प्रोडक्शन 100 मिलियन टन बढ़ गया है. खेलों को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा,खेल की दुनिया में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. कुछ दिन पहले यह घोषणा की गई कि भारत कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करेगा. ये उपलब्धियां देश और देशवासियों की हैं.
इसी के साथ उन्होंने जेन जी के बारे में भी चर्चा की. पीएम मोदी ने कहा, कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो ने मेरा ध्यान खींचा. यह वीडियो ईसरो के यूनिक ड्रोन कॉम्पिटिशन का था. इस वीडियो में हमारे देश के युवा, खासकर हमारी जेन-जी, मंगल ग्रह जैसे हालात में ड्रोन उड़ाने की कोशिश कर रहे थे.
ड्रोन उड़ान भरते, थोड़ी देर स्टेबल रहते, फिर अचानक जमीन पर क्रैश हो जाते. ऐसा इसलिए था क्योंकि इन ड्रोन में जीपीएस सपोर्ट बिल्कुल नहीं था. मंगल ग्रह पर जीपीएस पॉसिबल नहीं है, इसलिए ड्रोन को कोई बाहरी सिग्नल या गाइडेंस नहीं मिल सकता. ड्रोन को अपने कैमरे और इन-बिल्ट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके उडऩा पड़ा.
इसी वजह से ड्रोन एक के बाद एक क्रैश होते रहे. पुणे की एक टीम ने कॉम्पिटिशन जीता. उनका ड्रोन भी कई बार गिरा, क्रैश हुआ, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. बहुत कोशिश के बाद उनका ड्रोन आखिरकार मंगल ग्रह जैसे हालात में कुछ देर के लिए उडऩे में कामयाब रहा. इस वीडियो ने मुझे उस दिन की याद दिला दी जब चंद्रयान नेटवर्क कवरेज से बाहर हो गया था. उस दिन पूरा देश खासकर वैज्ञानिक निराश थे. लेकिन इस झटके ने उन्हें रोका नहीं. उसी दिन उन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता की कहानी लिखनी शुरू की. हमारे युवाओं का दृढ़ संकल्प ही विकसित भारत की सबसे बड़ी ताकत है.
इससे पहले प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम की शुरुआत पर्व त्योहारों पर चर्चा से की थी. उन्होंने छठी मइया को नमन करते हुए इस पर्व पर जोर दिया. छठ पर्व के महत्व को विस्तार से बताया था.
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