नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के मारेडुमिल्ली और जीएम वालसा के जंगलों में बुधवार सुबह सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में सात नक्सली मारे गए। यह कार्रवाई मंगलवार से शुरू हुए संयुक्त ऑपरेशन का हिस्सा थी। राज्य के इंटेलिजेंस एडीजी महेश चंद्र लड्डा ने पुष्टि की कि मारे गए नक्सलियों में चार पुरुष और तीन महिलाएँ शामिल हैं।
इनमें संगठन का टॉप ढ्ढश्वष्ठ विशेषज्ञ मटुरे जोगाराव उर्फ टेक शंकर भी था, जिसे आंध्र–ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी का अहम सदस्य माना जाता था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, वही पिछले वर्षों में छत्तीसगढ़ और ्रह्रक्च क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर हुए कई बड़े लैंडमाइन और ढ्ढश्वष्ठ हमलों का मुख्य योजनाकार था।
पुलिस ने बताया कि टेक शंकर हथियार निर्माण, संचार प्रणाली और विस्फोटक डिजाइनिंग में माहिर था, और संगठन की तकनीकी कमान उसी के पास थी। हाल के महीनों में सीमा क्षेत्र में नक्सली गतिविधि बढऩे की सूचनाओं के बाद ग्रेहाउंड्स और अन्य एजेंसियों ने व्यापक तलाशी अभियान चलाया, जिसके दौरान यह मुठभेड़ हुई। 17 नवंबर को भी मारेडुमिल्ली क्षेत्र में एक बड़ी कार्रवाई में कुख्यात नक्सली हिड़मा समेत छह नक्सली ढेर किए गए थे। मिले इनपुट के आधार पर सुरक्षा बलों ने ्रह्रक्च क्षेत्र में लगातार ऑपरेशन तेज किए।
हाल ही में हृञ्जक्र, कृष्णा, काकीनाडा, कोनसीमा और एलुरु जिलों से 50 नक्सली पकड़े गए हैं, जिनमें केंद्रीय समिति, राज्य समिति और एरिया कमेटी के सदस्य शामिल हैं। अभियान के दौरान 45 हथियार, 272 कारतूस और कई तकनीकी उपकरण बरामद किए गए।
एडीजी लड्डा ने कहा कि ऑपरेशन बिना किसी हानि के पूरा किया गया है और सुरक्षा बल अभी भी इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी रखे हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में बढ़ते दबाव के चलते कई नक्सली आंध्र प्रदेश की ओर शरण लेने की कोशिश कर रहे हैं। यह कार्रवाई माओवादी संगठन के तकनीकी ढांचे और नेतृत्व पर बड़ा असर डालने वाली मानी जा रही है।
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