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पंडो समाज के बसंत को 73 साल बाद फिर राष्ट्रपति से मिलने की आस

by Bhupendra Sahu

वर्ष 1952 में पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद से बसंत पंडो की सूरजपुर में हुई थी मुलाकात
राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 6 वर्षीय गोलू को गोद में उठाकर नाम रखा था बसंत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर अपनी स्मृतियों को साझा करने बसंत पंडो की है इच्छा

रायपुर छत्तीसगढ़ की धरती सरगुजा एक बार फिर इतिहास का साक्षी बनने जा रहा है। वर्ष 1952 में देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के सुरजपूर आगमन के बाद अब वर्ष 2025 में वर्तमान राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू 20 नवंबर को अंबिकापुर पहुंचने वाली हैं। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू के इस प्रवास से पूरे जनजातीय समाज में उत्साह का महौल है, इस उत्साह के बीच सबसे ज्यादा भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ नाम है 80 वर्षीय बसंत पंडो का जिन्होंने देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद से 6 वर्ष की आयु में वर्ष 1952 में मुलाकात की थी। वर्तमान राष्ट्रपति के इस आगमन से पंडो समाज के बसंत पंडो को उनसे मिलने की आस जगी है। वे राष्ट्रपति श्रीमति मुर्मू से मिलकर प्रथम राष्ट्रपति से मिलने की अपने संजोए हुए स्मृतियों को साझा करना चाहते हैं।

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