भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक सोमवार को मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना अन्तर्गत दी जाने वाली मासिक आर्थिक सहायता राशि 1250 रूपये में वृद्धि कर 1500 रूपये किये जाने की स्वीकृति दी गयी है।
मार्च 2023 से 1000 रुपये मासिक आर्थिक सहायता राशि के साथ योजना प्रारंभ की गई थी। सितंबर 2023 से 1,250 रुपये मासिक आर्थिक सहायता राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में 250 रुपये की वृद्धि कर नवंबर 2025 से 1500 रुपये मासिक आर्थिक सहायता राशि दिए जाने की स्वीकृति दी गयी है। योजना में 250 रुपये की वृद्धि किए जाने पर वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1,793 करोड़ 75 लाख रुपये के अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 20,450 करोड़ 99 लाख रुपये संभावित व्यय होगा।
आचार्य शंकर संग्रहालय “अद्वैत लोक” के निर्माण के लिए पुनरीक्षित स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा ओंकारेश्वर में एकात्म धाम परियोजना अंतर्गत किये जाने वाले कार्यों के लिए सूचकांक में छूट प्रदाय किये जाने एवं आचार्य शंकर संग्रहालय “अद्वैत लोक” के निर्माण के लिए पुनरीक्षित लागत 2424 करोड़ 369 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
संस्कृति विभाग द्वारा ओंकारेश्वर में एकात्म धाम परियोजना में आचार्य शंकर की 108 फीट की बहूधातु प्रतिमा स्थापित की जायेगी। इसके साथ ही आचार्य शंकर के जीवन और दर्शन पर आधारित शंकर संग्रहालय, (अद्वैत लोक) निर्माण, आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय वेदान्त संस्थान, अद्वैत निलयम आदि निर्माण कार्य किये जायेंगे। ये सभी निर्माण कार्य एमपीटीसी द्वारा किए जायेंगे। इसके लिए जून 2025 में 2195 करोड़ 54 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। मंत्रि-परिषद ने पुनरीक्षित लागत 2424 करोड़ 369 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की।
शासकीय भवनों पर रेस्को पद्धति से सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापना की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में जिले के सभी शासकीय भवनों पर रेस्को पद्धति से सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गयी। भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत सभी शासकीय भवनों को सौर ऊर्जीकृत किये जाने के उद्देश्य से प्रदेश में राज्य शासन के भवनों की छतों पर रेस्को पद्धति अंतर्गत सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाए जाएंगे। शासकीय विभागों को इन सौर परियोजनाओं में कोई निवेश नहीं करना होगा। शासकीय कार्यालयों द्वारा ऊर्जा के उपयोग के लिए रेस्को विकासक को प्रति यूनिट भुगतान करना होगा। यह दर डिस्कॉम की दरों से कम होना अपेक्षित हैं, जिससे शासकीय संस्थानों को बचत होगी। रेस्को मोड में शासकीय विभागों/ संस्थाओं के भवन पर विकासक इकाई द्वारा 25 वर्ष की अवधि के लिए सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित किये जायेंगे। इस पूरी अवधि तक सोलर रूफटॉप संयंत्र का रख-रखाव RESCO इकाई द्वारा किया जाएगा।