रायपुर राज्य गठन के बाद बीते 25 वर्षों में बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक परिवर्तन और उल्लेखनीय सुधार देखने को मिले हैं। पहले जहां ग्रामीण और अंदरूनी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित थीं, वहीं अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पताल तक आधुनिक संसाधनों और विशेषज्ञ डॉक्टरों से सुसज्जित हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने पर बस्तर जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में आई क्रांतिकारी बदलाव की कहानी प्रेरणादायक है। दूर-दराज के आदिवासी इलाकों में जहां कभी बुनियादी चिकित्सा सुविधाएं भी दुर्लभ थीं, वहां आज आधुनिक मेडिकल कॉलेज, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और मजबूत ग्रामीण स्वास्थ्य नेटवर्क खड़े हो चुके हैं। यह प्रगति न केवल लाखों लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ा रही है, बल्कि क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक उन्नति का आधार भी बन रही है।
बस्तर जिले में 25 वर्षों में स्वास्थ्य सुविधाओं का उल्लेखनीय विकास, स्वास्थ्य क्रांति से लाखों जीवन हुए सुरक्षित
स्व. बलीराम कश्यप स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय: बस्तर का स्वास्थ्य गढ़
वर्ष 2006 में स्थापित यह मेडिकल कॉलेज बस्तर की स्वास्थ्य क्रांति का प्रतीक है। शुरुआत में प्रतिवर्ष 50 सीटों पर प्रवेश के साथ शुरू हुए इस कॉलेज का भूमि पूजन तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा 9 अगस्त 2006 को किया गया। निर्माण कार्य 2010 में शुरू होकर फरवरी 2013 में पूरा हुआ, और 3 अक्टूबर 2013 को मुख्यमंत्री द्वारा इसका लोकार्पण किया गया। मार्च 2014 में जगदलपुर से डिमरापाल में स्थानांतरित होने के बाद, यह कॉलेज प्रदेश का एकमात्र वायरोलॉजी लैब संचालित कर रहा है, जो माइक्रोबायोलॉजी विभाग में स्थित है। भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (एमसीआई) से मान्यता प्राप्त इस संस्थान में एमसीआई मानकों के अनुरूप सभी चिकित्सा उपकरण उपलब्ध हैं। अस्पताल का स्थानांतरण 6 जुलाई 2018 को नए भवन में हो चुका है, जिससे विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं और मजबूत हुई हैं। यह कॉलेज न केवल डॉक्टर तैयार कर रहा है, बल्कि महामारी जैसी चुनौतियों से निपटने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।