नई दिल्ली । भारत दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में अपनी पहचान मजबूती से बनाए हुए है, और अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (ढ्ढरूस्न) ने भी इसकी सराहना की है। आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने वाशिंगटन में अगले हफ्ते होने वाली आईएमएफ-वर्ल्ड बैंक की वार्षिक बैठक से पहले भारत की आर्थिक प्रगति की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत अब वैश्विक ग्रोथ इंजन के रूप में उभर रहा है।
जॉर्जीवा ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक विकास का स्वरूप तेजी से बदल रहा है और भारत ने खुद को एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में साबित किया है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी साहसिक आर्थिक नीतियों से उन सभी को गलत साबित किया है जिन्होंने देश की क्षमता पर संदेह जताया था। खास बात यह है कि यह तारीफ ऐसे समय में आई है जब दुनिया की आर्थिक वृद्धि दर महामारी से पहले के स्तर से नीचे जा रही है।
आईएमएफ प्रमुख के मुताबिक, मध्यम अवधि में वैश्विक विकास दर लगभग 3 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो महामारी से पहले के 3.7 प्रतिशत की तुलना में कम है। चीन जैसी अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर घट रही है, लेकिन भारत लगातार मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है और वैश्विक विकास का प्रमुख इंजन बनता जा रहा है।
क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने भारतीय अर्थव्यवस्था में किए गए सुधारों की भी सराहना की, खासकर देशव्यापी डिजिटल पहचान प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू करने के प्रयासों की। उन्होंने कहा कि भारत ने यह साबित कर दिया है कि बड़े पैमाने पर डिजिटल पहचान कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू किया जा सकता है, जबकि पहले इसे असंभव माना जा रहा था।
आईएमएफ प्रमुख ने अमेरिकी टैरिफ नीतियों पर भी टिप्पणी की और कहा कि हालिया नीतिगत बदलावों और व्यापारिक तनावों के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था ने कई झटकों को सहन किया है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है और इसका पूरा असर समय के साथ स्पष्ट होगा।
आईएमएफ के साथ-साथ विश्व बैंक ने भी भारत की आर्थिक प्रगति को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण जताया है। हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ दर के अनुमान को 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर पिछले पांच तिमाहियों में सबसे अधिक 7.8 प्रतिशत दर्ज की गई थी।