एमसीबी आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना एवं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का वर्चुअल शुभारंभ किया गया। इस महत्वाकांक्षी योजना के माध्यम से देश के किसानों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल की गई है। योजना के अंतर्गत पूरे देश में 100 कृषि जिलों का चयन किया गया है, जिनमें छत्तीसगढ़ राज्य के जशपुर, कोरबा और दंतेवाड़ा जिले शामिल हैं। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना में 36 केंद्रीय योजनाओं का एकीकृत क्रियान्वयन करते हुए कृषि उत्पादकता में वृद्धि, फसल विविधीकरण और सतत् कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दिया जाएगा। योजना का मुख्य उद्देश्य पंचायत एवं ब्लॉक स्तर पर कटाई उपरांत भंडारण क्षमता में वृद्धि, सिंचाई के बुनियादी ढांचे में सुधार, आधुनिक तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहन, तथा अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक कृषि ऋण सुविधाओं को सुलभ बनाना है। इसके माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के अनुकूल, बाजार उन्मुख और टिकाऊ कृषि प्रणाली को सशक्त बनाया जाएगा।
मनेंद्रगढ़ जिले में धन-धान्य कृषि योजना का हुआ वर्चुअल शुभारंभ
वर्चुअल शुभारंभ कार्यक्रम का आयोजन देशभर के जिलों की तरह मनेंद्रगढ़ जिले में भी उत्साहपूर्वक किया गया। जिला स्तर पर यह कार्यक्रम वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी मनेंद्रगढ़ के सभागार में संपन्न हुआ। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य रामजीत लकड़ा, जनपद पंचायत कृषि स्थायी समिति सभापति रविशंकर वैश्य, जनपद सदस्य आनंद सिंह सहित अनेक कृषकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम में उप संचालक कृषि इन्द्रासन सिंह पैकरा, सहायक संचालक मत्स्य ओ.पी. मण्डावी, अनुविभागीय अधिकारी कृषि श्री धर्मेन्द्र कुमार कुर्रे, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी रवि कुमार गुप्ता सहित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से किसानों को नई दिशा मिलेगी तथा कृषि क्षेत्र में समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। इस योजना से न केवल उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, बल्कि किसानों को बेहतर बाजार और तकनीकी सहायता भी प्राप्त होगी।
जिले में इस योजना से आत्मनिर्भर किसान और सशक्त ग्रामीण अर्थव्यवस्था की नई शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई यह योजना किसानों की आय दोगुनी करने, कृषि क्षेत्र को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी। एमसीबी जिला भी इस योजना से सीधे लाभान्वित होगा। जिले में वर्तमान में लगभग 1.28 लाख से अधिक कृषक परिवार पंजीकृत हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसान हैं। इस योजना के माध्यम से जिले में अनुमानित 45 हजार हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में सिंचाई विस्तार, 10 हजार टन अतिरिक्त भंडारण क्षमता का निर्माण तथा 250 से अधिक किसान उत्पादक समूह ( FPOs) को तकनीकी और वित्तीय सहयोग प्राप्त होगा।
दलहन उत्पादन में वृद्धि के लिए विशेष “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” के अंतर्गत जिले के भरतपुर एवं खड़गवां ब्लॉक को मॉडल क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां उच्च गुणवत्ता के बीज, प्रशिक्षण, और प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की जाएगी। इससे जिले में न केवल धान पर निर्भरता कम होगी, बल्कि फसल विविधीकरण, मिट्टी की उर्वरता संरक्षण और कृषक आय में 25 से 30 प्रतिशत तक वृद्धि का अनुमान है।
आत्मनिर्भर किसान से बनेगा समृद्ध भारत
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जैसे पर्वतीय और आदिवासी अंचलों में इस योजना का क्रियान्वयन ग्रामीण विकास की नई परिभाषा गढ़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल निश्चित ही छत्तीसगढ़ के किसानों को “धान के भंडार से समृद्ध भारत” की ओर अग्रसर करेगी।