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नन्हे कदमों की बड़ी सफलता: निहारिका और निहाल की सुपोषित यात्रा

by Bhupendra Sahu

रायपुर भारत सरकार के पोषण अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण सुधार की दिशा में लगातार सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। नारायणपुर जिले के परियोजना छोटेडोंगर अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्र धौडाई में जुड़वा बच्चों निहारिका पोयाम और निहाल पोयाम की कहानी इस सफलता का जीवंत उदाहरण बनी है।

जन्म के समय दोनों बच्चों का वजन मात्र 1 किलो और 900 ग्राम था और वे गंभीर कुपोषण की श्रेणी में थे। कमजोर स्वास्थ्य और धीमी विकास दर के कारण परिवार चिंतित था। लेकिन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और राष्ट्रीय पोषण अभियान टीम ने समर्पण और सतत प्रयास से इन बच्चों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाया।नियमित रूप से बच्चों का वजन और ऊँचाई मापी गई, पूरक आहार के साथ अंडा, दूध, फल जैसी पौष्टिक खाद्य सामग्री दी गई। परिवार को संतुलित आहार, स्वच्छता और देखभाल के सही तरीकों की जानकारी दी गई। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बच्चों का नियमित टीकाकरण और आवश्यक दवाएँ भी सुनिश्चित की गईं।इन निरंतर प्रयासों का परिणाम आज सबके सामने है निहारिका और निहाल अब पूरी तरह स्वस्थ हैं, उनका वजन सामान्य स्तर पर पहुँच गया है और वे शारीरिक व मानसिक रूप से संतुलित विकास की ओर अग्रसर हैं।

यह सफलता पोषण अभियान की प्रभावशीलता का प्रमाण है, जिसने यह सिद्ध किया कि नियमित देखभाल, संतुलित आहार और सामुदायिक सहयोग से कोई भी बच्चा कुपोषण से सुपोषण की ओर बढ़ सकता है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य में पोषण एवं पूरक पोषण अभियान के सकारात्मक परिणामों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार प्रत्येक बच्चे और माँ के स्वस्थ भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को प्राप्त करने में समुदाय की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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