नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने लाखों कर्मचारियों को प्रभावित करने वाले ड्रेस भत्ते के नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। डाक विभाग द्वारा जारी नए आदेश के अनुसार, अब साल के बीच में नौकरी ज्वाइन करने वाले या रिटायर होने वाले कर्मचारियों को आनुपातिक (क्कह्म्श-ह्म्ड्डह्लड्ड) आधार पर ड्रेस भत्ते का भुगतान किया जाएगा। इस फैसले से कर्मचारियों के बीच भुगतान को लेकर बना कन्फ्यूजन खत्म हो गया है।
24 सितंबर 2025 को जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जो कर्मचारी साल के बीच में सेवा में आते हैं या रिटायर होते हैं, उन्हें पूरे साल का भत्ता देने के बजाय उनकी सेवा अवधि के अनुपात में भत्ते का भुगतान होगा। यह नया नियम 1 जुलाई 2025 के बाद नौकरी ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों पर भी लागू होगा। बता दें कि ड्रेस भत्ता उन कर्मचारियों को दिया जाता है जिन्हें ड्यूटी पर यूनिफॉर्म पहननी होती है। यह भत्ता कपड़ा, जूता और यूनिफॉर्म के रखरखाव समेत कई पुराने भत्तों को मिलाकर दिया जाता है।
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि ड्रेस भत्ता आमतौर पर जुलाई महीने की सैलरी के साथ दिया जाता है। इस साल जो कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं, उनमें से कई को पहले ही पूरे या आधे भत्ते का भुगतान किया जा चुका है। नए नियमों के तहत, 1 अक्टूबर 2025 से रिटायर होने वाले कर्मचारियों से किसी भी अतिरिक्त भुगतान की वसूली की जाएगी। हालांकि, सरकार ने राहत देते हुए कहा है कि 30 सितंबर 2025 या उससे पहले रिटायर हो चुके कर्मचारियों से कोई रिकवरी नहीं होगी।
विभाग ने यह भी साफ किया है कि जो कर्मचारी जुलाई 2025 से पहले नौकरी ज्वाइन कर चुके हैं, उन्हें पुराने नियमों के अनुसार ही भत्ता मिलेगा। साथ ही, जिन कार्यालयों में पिछले साल का भत्ता जुलाई 2025 की सैलरी में नहीं जोड़ा गया था, उन्हें इसे तुरंत सही करने का निर्देश दिया गया है।
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