मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक खत्म होते ही आज गवर्नर संजय मल्होत्रा ने एलान कर दिया है. बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर ने मीटिंग लिए गए फैसलों का ऐलान किया.
मीटिंग के बाद आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ऐलान किया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होगा. इस तरह से 5.5 फीसदी रेपो रेट बरकरार रहेगा. इससे जीएसटी में सुधार से महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी.
बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा का कहना है कि जीएसटी में सुधार से महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही मल्होत्रा ने ये भी कहाकि अगस्त महीने की मौद्रिक नीति के बाद से देश के विकास और महंगाई का संतुलन एक तरह से बदल गया है.
गवर्नर ने जोर देकर कहाकि जीएसटी में सुधार का असर महंगाई को घटाने वाला साबित हो सकता है. दूसरी ओर उच्च टैरिफ यानी कि आयात-निर्यात पर बढ़े हुए शुल्क से निर्यात की रफ्तार धीमी पड़ सकती है.
गौर करें तो आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने फरवरी 2025 से अबतक रेपो रेट में एक प्रतिशत की कटौती कर रखी है.
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक यानी क्रक्चढ्ढ की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक सोमवार, 29 सितंबर को शुरू हुई थी. तीन दिन की बैठक के आज आखिरी दिन कमेटी के अध्यक्ष सह आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी. हालांकि एक्सपर्ट के अनुमान के मुताबिक ही बातें सामने आईं. अधिकतर जानकारों का अनुमान था कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने वाला है. उसी के अनुसार रहा. केंद्रीय बैंक रेपो रेट को 5.50त्न पर रखा गया. उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ. साथ ही नीतिगत रुख को भी ‘तटस्थÓ बनाए रखा गया.
फरवरी और अप्रैल में 25-25 आधार अंकों की कटौती की गई और उसके बाद जून में रेपो रेट में 50 आधार अंकों की एक बड़ी कटौती की गई. इस तरह, ब्याज दरें कम करके आरबीआई ने भारतीय इकॉनमी में कर्ज लेना सस्ता करने की कोशिश की है. इसके साथ ही मांग को बढ़ाने का प्रयास किया है.