नई दिल्ली ,26 सितंबर। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के एक ऐलान ने शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भूचाल ला दिया। गुरुवार देर रात फार्मा समेत कई सेक्टरों पर 100त्न तक टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद आज बाजार खुलते ही बिकवाली की सुनामी आ गई। इस फैसले का सबसे बुरा असर उन फार्मा कंपनियों पर पड़ा जिनका बड़ा कारोबार अमेरिका से जुड़ा है, जिसके चलते फार्मा शेयरों में तबाही का मंजर देखने को मिला।
बाजार में चौतरफा गिरावट के कारण निवेशकों को कुछ ही घंटों में करीब 3 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 412 अंक टूटकर 80,747 पर और निफ्टी 115 अंकों की गिरावट के साथ 24,776 पर कारोबार कर रहा था।
ट्रंप के फैसले की सीधी मार झेल रहे फार्मा सेक्टर में आज सबसे बड़ी गिरावट देखी गई। निफ्टी फार्मा इंडेक्स 1.80त्न तक टूट गया। अमेरिका में बड़ा एक्सपोजर रखने वाली दिग्गज दवा कंपनियों के शेयर धराशायी हो गए। स्ट्राइड्स फार्मा साइंस में 6त्न की सबसे बड़ी गिरावट आई, वहीं नैटको फार्मा 5त्न, बायोकॉन 4त्न और सन फार्मा 3.8त्न तक लुढ़क गए।
इनके अलावा ल्यूपिन, मैनकाइंड फार्मा, ग्लेनमार्क फार्मा, डिविजलैब और सिप्ला जैसे बड़े नामों में भी 2 से 3.5 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई।
ढ्ढञ्ज और हेल्थकेयर सेक्टर भी लहूलुहान
फार्मा के साथ-साथ ॥-1क्च वीजा को लेकर चिंताओं के कारण आईटी सेक्टर में भी भारी दबाव देखने को मिला। निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.30त्न टूट गया। इंफोसिस और टेक महिंद्रा जैसे बड़े शेयर भी गिरावट की चपेट में रहे। वहीं, हेल्थकेयर सेक्टर का इंडेक्स भी 1.50त्न की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था।
निवेशकों को 3 लाख करोड़ की चपत
बाजार में इस बड़ी गिरावट से निवेशकों की संपत्ति में भारी कमी आई है। गुरुवार को बीएसई का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 457 लाख करोड़ रुपये था, जो आज घटकर 454 लाख करोड़ रुपये रह गया। यानी, एक ही झटके में निवेशकों के 3 लाख करोड़ रुपये डूब गए। बीएसई पर कारोबार कर रहे कुल 3,073 शेयरों में से 2,062 शेयर लाल निशान में थे, जो बाजार में फैले डर को दर्शाता है।
00