भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में पाई जाने वाली फ्लोरल एंड फौनल डायवर्सिटी (वानस्पतिक एवं जैविक विविधताओं) के बारे में प्रापर ब्रांडिंग की जाए। प्रदेश के समृद्ध वन क्षेत्रों एवं यहां के वनों में वन्य जीवों की सहज दृश्यता का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाये। इसके लिए भारतीय फिल्म डिवीजन, डिस्कवरी और अन्य चैनल्स के साथ मिलकर शॉट फिल्म्स, डाक्यूमेंटरी फिल्म, प्रमोशनल्स कैपसूल्स तैयार कर मध्यप्रदेश की वन विशिष्टताओं के बारे में पूरे विश्व को बतायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी अच्छाईयां दुनिया के सामने आनी ही चाहिए। दूसरे राज्यों को प्रदेश में उपलब्ध वन्य प्राणी अवश्य दें, परन्तु उनसे भी उनके यहां उपलब्ध वन्य प्राणी प्राप्त कर प्रदेश की वन विविधताओं को और अधिक समृद्ध करें। उन्होंने कहा कि आसाम से गेंडा या एक सींग वाला गेंडा प्राप्त करने के प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की नदियों में मगरमच्छ, कछुआ और घड़ियाल सहित डॉल्फिन जैसे जलीय जीव मुक्त करने के लिए तैयारी करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मंत्रालय में मध्यप्रदेश राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की 30वीं बैठक की अध्यक्षता कर संबोधित कर रहे थे।
बैठक में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री श्री दिलीप अहिरवार एवं बोर्ड के सदस्य डॉ. नारायण व्यास वर्चुअली शामिल हुए। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव श्री नीरज मंडलोई, अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री वी.एन. अम्बाडे, वन्य प्राणी बोर्ड के सदस्य श्री मोहन नागर, श्री रूपनारायण मांडवे, श्री महेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. सुदेश बाघमारे, डॉ. रविचंद्रन सहित अन्य सदस्यगण भी उपस्थित थे।