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चिदंबरम ने जीएसटी सुधारों को सराहा, कहा- गलती सुधारने में लगे 8 साल

by Bhupendra Sahu

मदुरै । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को मदुरै एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान केंद्र सरकार के हालिया जीएसटी दरों में बदलाव पर अपनी बेबाक राय रखी। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए, लेकिन यह भी सच है कि उसे अपनी गलती स्वीकार करने में आठ साल का समय लग गया।
चिदंबरम ने कहा कि हम जीएसटी में बदलाव का स्वागत करते हैं, लेकिन सरकार ने आठ साल बाद अपनी गलती को समझा है। जब 1 जुलाई 2017 को यह कानून लागू हुआ था, तभी हमने कहा था कि यह गलती है और इतने तरह-तरह के टैक्स स्लैब नहीं होने चाहिए। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने भी यह सलाह दी थी, लेकिन वित्त मंत्रियों और अन्य नेताओं ने उस समय किसी की बात नहीं सुनी। हमने संसद में भी कई बार इस मुद्दे को उठाया था।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि कई नेताओं और अर्थशास्त्रियों ने बार-बार इन गलतियों को सुधारने की मांग की थी। अब कम से कम सरकार ने यह मान लिया और सुधार किया, इसके लिए मैं धन्यवाद देता हूं। बीते आठ सालों तक मध्यम वर्ग और गरीबों पर बोझ डाला गया। अब जाकर 12 फीसदी और 18 फीसदी दर को घटाकर 5 फीसदी किया गया है। इतने सालों तक यही लोग 18 फीसदी टैक्स देते रहे। अगर आज यह दर सही है, तो क्या यह पिछले साल या उससे पहले सही नहीं थी? सरकार ने जनता को निचोड़कर उनका पैसा वसूला और अब जाकर दरें घटाई हैं, जिसके लिए मैं उन्हें सराहता हूं।
बता दें कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने हानिकारक और विलासिता की वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर की दर को मंजूरी दे दी है, जो वर्तमान की 28 प्रतिशत से बढ़कर 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी होगी। जीएसटी 2.0 सुधार ने करों को मुख्य रूप से दो दरों 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत में बांट दिया है।
जिन वस्तुओं पर पहले तंबाकू, शुगर वाले ड्रिक्स और महंगे वाहनों जैसी हानिकारक या विलासिता की वस्तुओं पर 28 प्रतिशत कर लगता था, उन्हें अब 40 प्रतिशत कर स्लैब में डाल दिया गया है। तंबाकू उत्पाद जैसे सिगरेट, सिगार, चुरूट, सिगारिलो, गुटखा, चबाने वाला तंबाकू (जैसे जर्दा), अनमैन्युफैक्चर्ड तंबाकू, बीड़ी, सुगंधित तंबाकू और पान मसाला पर 40 प्रतिशत कर लगेगा।
पेट्रोल के लिए 1200 सीसी और डीजल के लिए 1500 सीसी से ज्यादा इंजन वाली लग्जरी कारों के साथ-साथ मीठे, फ्लेवर्ड और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों पर 40 प्रतिशत का नया कर स्लैब लागू होगा। सिन टैक्स, हानिकारक या सामाजिक रूप से महंगी वस्तुओं पर लगाया जाने वाला उत्पाद शुल्क है, जो जन कल्याण के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करते हुए इनके उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए लगाया जाता है।
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