0-कांग्रेस ने आतंकवाद को सामान्य बनाया और पाकिस्तान को पीडि़त
नईदिल्ली। संसद के मानसून सत्र में बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में कांग्रेस को जमकर निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आतंकवाद को सामान्य बना दिया है और पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर पीडि़त के रूप में पेश किया है। उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कोई बात नहीं है। उन्होंने मध्यस्थता की बात को अस्वीकारा है।
एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत आतंकवाद के मुद्दे को वैश्विक एजेंडे में मजबूती से रखने में सफल रहा है। हमने आतंकवाद को वैश्विक एजेंडे में रखा है। उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि उनके समय में आतंकवाद हमेशा सामान्य बात रही और पाकिस्तान को पीडि़त की तरह बताया गया। जयशंकर ने कहा कि पिछली गलतियों तो अब सुधारा जा रहा है।
जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, तो कई देश यह आकलन करने के लिए भारत के साथ संपर्क में थे कि स्थिति कितनी गंभीर है और यह कब तक जारी रह सकती है। उन्होंने आगे कहा, हमने उन सभी देशों को एक ही संदेश दिया था कि हम किसी भी मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी मामले को केवल द्विपक्षीय रूप से ही निपटाया जाएगा।
जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच किसी भी फोन पर बातचीत नहीं हुई। उन्होंने कथित राजनयिक हस्तक्षेप के बारे में अटकलों और गलत सूचनाओं का खंडन किया। जयशंकर ने कहा, मैं उनको कहना चाहता हूं, वो कान खोलकर सुन लें, 22 अप्रैल से 16 जून तक राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच एक भी फोन कॉल नहीं हुई थी।
जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने उन गलतियों को सुधारा है जिन्हें लंबे समय से अपरिवर्तनीय माना जाता था। जयशंकर ने कहा, हमें 60 साल तक बताया गया कि नेहरू की गलतियों को सुधारा नहीं जा सकता। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने दिखा दिया कि वे ऐसा कर सकते हैं। दो बड़े नीतिगत बदलावों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, अनुच्छेद 370 को सुधारा गया, सिंधु जल संधि को सुधारा जा रहा है।
जयशंकर ने कहा कि भारत ने 1960 में किसानों के बजाय पाकिस्तान के हित को प्राथमिकता दी और सिंधु जल समझौता करके शांति नहीं बल्कि तुष्टिकरण किया। उन्होंने कहा, सिंधु जल संधि को स्थगित रखना भारत द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम था। जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह से बंद नहीं कर देता। खून और पानी साथ-साथ नहीं बहेंगे।
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