मुंबई। वैश्विक निवेशकों की शेयर बाजार में लगातार बिकवाली के बीच भारतीय रुपया मंगलवार (29 जुलाई) को अपनी गिरावट जारी रखते हुए 4 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया। भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 16 पैसे की गिरावट के साथ 86.83 पर खुली, जो इस साल 17 मार्च के बाद का सबसे निचला स्तर है। इस महीने अब तक रुपये में 1.2 प्रतिशत और इस साल में अब तक 1.4 प्रतिशत की गिरावट आई है।
विश्लेषकों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की लगातार डॉलर मांग ने भारतीय रुपये पर भारी दबाव डाला है। एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने लगातार छठे सत्र में भारतीय शेयर बेचे हैं। सोमवार को विदेशी निवेशकों ने 6,082 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे, जो इस साल 30 मई के बाद से सबसे बड़ी बिकवाली है। इसी के साथ पिछले 6 सत्रों में वैश्विक फंडों ने 19,635 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली के अनुसार, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में हिस्सेदारी खरीद से जुड़े कुछ निवेश हुए, लेकिन ये भारी बिकवाली की भरपाई के लिए पर्याप्त नहीं थे। उन्होंने कहा, रुपये की आज की शुरुआत कमजोर रही और यह इस सप्ताह एक महीने के निचले स्तर 86.90 की ओर और गिर सकता है। भंसाली ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक रुपये में गिरावट रोकने के प्रयास कर रहा है।