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ऑपरेशन महादेव में मारे गए पहलगाम हमले में शामिल रहे तीनों आतंकवादी

by Bhupendra Sahu

0-संसद में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का खुलासा
नईदिल्ली। संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में शुरू हुई ऑपरेशन सिंदूर पर बहस में मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को भारतीय सेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशन महादेव की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पहलगाम की बैसरन घाटी में निर्दोष पर्यटकों को मारने वाले तीनों आतंकी इस ऑपरेशन में मारे गए। इन तीनों में से 2 पाकिस्तानी थे और इसके सबूत भी हैं।
गृह मंत्री शाह ने कहा, जिन आतंकियों ने पहलगाम की बैसरन घाटी में हमारे 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या की थी, उन तीनों आतंकवादियों को हमारी सेना ने श्रीनगर दाचीगाम इलाके के लिडवास में महादेव पहाड़ी पर मुठभेड़ के दौरान मार गिराया है। उन्होंने कहा, सेना की कार्रवाई में मारा गया आतंकी हाशिम मूशा पाकिस्तानी सेना की विशेष सेवा समूह (एसएसजी) का पूर्व पैरा-कमांडो था और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का कमांडर भी था। अन्य दो में से एक भी पाकिस्तानी था।
गृह मंत्री शाह ने कहा, पहलगाम आतंकी हमला दोपहर 1 बजे हुआ और मैं शाम साढ़े 5 बजे श्रीनगर में उतर चुका था। 23 अप्रैल को एक सुरक्षा मीटिंग की गई, जिसमें आतंकियों को भागने न देने का निर्णय किया गया। उन्होंने कहा, हमें दाचिगाम में आतंकियों की मौजूदगी का पता चला। इसके बाद 4 पैरा, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर तीनों आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया।
गृह मंत्री शाह ने कहा, सेना, सीआरपीएफ और इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल कर आतंकियों की मौजूदगी का पता लगाने में जुटे रहे। 22 जुलाई को इसमें सफलता मिली और आतंकियों के दाचीगाम इलाके की महादेव पहाड़ी पर होने की पुष्टि गई। इसके बाद ऑपरेशन चलाकर उनका खात्मा कर दिया गया। उन्होंने कहा, ऑपरेशन में पाकिस्तानी आतंकी हाशिम मूसा, अफगान और जिब्रान मारे गए हैं। उनकी मदद करने वालों की भी पहचान कर ली गई है।
गृह मंत्री शाह ने कहा, पहलगाम हमले के बाद मौके से मिले कारतूसों की हमने चंडीगढ़ एफएसएल में जांच कराकर रख ली थी। इसके बाद ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकियों के पास से मिले हथियार और कारतूसों को भी जांच के लिए चंडीगढ़ एफएसएल में भेजा गया था। सुबह 4 बजे एफएसएल अधिकारियों ने मुझे वीडियो कॉल पर बताया कि मौके पर मिले हथियार और कारतूस वही हैं, जिनका पहलगाम में हुए आतंकी हमले में इस्तेमाल किया गया था।
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