नईदिल्ली। मैनचेस्टर का ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान टेस्ट क्रिकेट में कई रोमांचक मुकाबलों का गवाह रहा है। इस मैदान पर मेजबान इंग्लैंड क्रिकेट टीम का दबदबा रहा है और उनकी सफलता में बल्लेबाजों का बड़ा योगदान माना जाता है। यहां कई बार साझेदारियों ने मैच का रुख बदला है। भारतीय क्रिकेट टीम 23 जुलाई से इसी मैदान पर खेलने चौथा टेस्ट मैच खेलने उतरेगी। इस बीच आइए इंग्लैंड के बल्लेबाजों द्वारा यहां की गई सबसे बड़ी साझेदारियों पर एक नजर डालते हैं।
साल 2001 में मैनचेस्टर टेस्ट में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के 403 रन के जवाब में इंग्लैंड की शुरुआत खराब रही थी एक समय टीम का स्कोर 15/2 रन था। ऐसे में माइकल वॉन और ग्राहम थोर्प ने 267 रनों की साझेदारी कर पारी संभाली। दोनों ने शतक जड़े, जिसमें थॉर्प ने 261 गेंदों पर 138 रन बनाए और पहले आउट हुए। वॉन ने 223 गेंदों पर 120 रन बनाए। इस शानदार साझेदारी के बावजूद इंग्लैंड वह मुकाबला हार गई थी।
मैनचेस्टर में 250 से अधिक रन की साझेदारी करने वाले दूसरे इंग्लिश बल्लेबाज बेन स्टोक्स और डोमिनिक सिबली हैं। साल 2020 में वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के खिलाफ पहली पारी में दोनों ने चौथे विकेट के लिए 260 रन जोड़ दिए थे। उस पारी में दोनों के बल्ले से शतक निकले थे। इंग्लैंड ने 469 रन बनाकर पारी घोषित की और मुकाबला जीता था। सिबली ने 372 गेंदों पर 120 रन बनाए, जबकि स्टोक्स ने 356 गेंदों पर 176 रन ठोके।
साल 1964 में मैनचेस्टर टेस्ट में इंग्लैंड के टेड डेक्सटर और केन बारिंगटन ने ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ पहली पारी में धमाकेदार बल्लेबाजी की थी। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 246 रन जोड़े थे। कप्तान डेक्सटर 484 गेंदों पर 174 रन बनाकर आउट हुए, जबकि बारिंगटन ने 624 गेंदों पर ऐतिहासिक 256 रन बनाए। यह मैच ड्रॉ रहा था। बारिंगटन का 256 रन का स्कोर आज भी मैनचेस्टर में एशेज इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है।
चौथे स्थान पर बॉब वायट और फ्रैंक वूली की जोड़ी है। इन दोनों खिलाडिय़ों ने दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के खिलाफ साल 1929 में मैनचेस्टर के मैदान पर तीसरे विकेट के लिए 245 रन जोड़ दिए थे। वायट के बल्ले से 113 रन निकले थे और वूली ने 154 रन की शानदार पारी खेली थी। इंग्लैंड ने 427/7 रन के स्कोर पर पारी घोषित कर दी थी। उस मैच में टीम को पारी और 32 रनों से जीत मिली थी।