लखनऊ । कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भारतीय सेना पर अपनी एक टिप्पणी से जुड़े मानहानि के मामले में मंगलवार को लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। हालांकि, अदालत ने उन्हें महज 5 मिनट के भीतर ही जमानत दे दी। यह मामला ‘भारत जोड़ो यात्राÓ के दौरान दिए गए उनके एक बयान से संबंधित है।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक वर्मा की अदालत ने राहुल गांधी को 20,000 रुपये के दो जमानती बॉन्ड पर रिहा करने का आदेश दिया। राहुल के वकील प्रांशु अग्रवाल ने जमानत याचिका दायर की, जिसे अदालत ने तुरंत स्वीकार कर लिया। राहुल गांधी दिल्ली से सीधे लखनऊ के अमौसी हवाई अड्डे पहुंचे और वहां से कोर्ट के लिए रवाना हुए। वह करीब 30 मिनट तक अदालत परिसर में रहे और जमानत मिलने के बाद वापस दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
क्या है पूरा मामला?
यह केस बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने 11 फरवरी को दायर किया था। याचिका में कहा गया था कि राहुल गांधी ने 16 दिसंबर, 2022 को ‘भारत जोड़ो यात्राÓ के दौरान भारतीय सेना पर टिप्पणी की थी। उन्होंने 9 दिसंबर, 2022 को हुई भारत-चीन सीमा झड़प का जिक्र करते हुए कहा था कि चीनी सैनिक भारतीय सेना के जवानों को पीट रहे थे।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि राहुल का यह बयान तथ्यों के विपरीत, गुमराह करने वाला और सेना का मनोबल तोडऩे वाला था, जिससे सैनिकों और उनके परिवारों की भावनाओं को ठेस पहुंची।
5 पेशी से गैरहाजिर रहने पर जारी हुआ था समन
इस मामले में पिछली पांच सुनवाइयों में राहुल गांधी के पेश न होने पर अदालत ने उनके खिलाफ समन जारी करते हुए व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था। उनके वकील ने पेशी से छूट की मांग की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। इसी आदेश का पालन करते हुए राहुल गांधी आज कोर्ट में पेश हुए।
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