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संवर रहा है, पहाड़ी कोरवाओं का जीवन

by Bhupendra Sahu

रायपुर छत्तीसगढ़ के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समुदाय के जीवन में अब बदलाव की बयार बह रही है। वर्षों से उपेक्षा और असुविधा में जीवन बिता रहे इस समुदाय के लिए केंद्र व राज्य सरकार की योजनाएं उम्मीद की किरण बनकर आई हैं। बलरामपुर जिले के पस्ता ग्राम पंचायत की निवासी श्रीमती कुंती कोरवा के जीवन की तस्वीर अब पूरी तरह बदल चुकी है। पीएम जनमन योजना से उन्हें संबल मिला।

प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान योजना के तहत श्रीमती कुंती को वर्ष 2023-24 में पक्का आवास निर्माण के लिए स्वीकृति प्राप्त हुई। जैसे ही पहली किश्त की राशि मिली, उन्होंने मेहनत और लगन से शासन की मदद से नया घर बनवाया। अब उनका परिवार सुरक्षित पक्के घर में चैन की नींद सो पा रहा है। बरसात में टपकती छत और भीगते बिस्तर अब अतीत की बात हो चुकी है।

श्रीमती कुंती कोरवा केवल आवास योजना तक सीमित नहीं रहीं। उन्होंने सरकार की अन्य योजनाओं का भी भरपूर लाभ उठाया है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत उन्हें व्यक्तिगत शौचालय की सुविधा मिली, जिससे खुले में शौच की मजबूरी समाप्त हो गई। निःशुल्क राशन की नियमित आपूर्ति से अब भोजन की चिंता नहीं रहती। आयुष्मान भारत योजना के तहत उन्हें निःशुल्क उपचार की सुविधा मिल रही है, जिससे बीमारी की स्थिति में कर्ज लेने की नौबत नहीं आती। महतारी वंदन योजना के तहत उन्हें प्रतिमाह 1000 रुपए की आर्थिक सहायता प्राप्त हो रही है, जिससे घर खर्च में राहत मिलती है।

श्रीमती कुंती कोरवा ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि ,हम मजदूरी कर जैसे-तैसे जीवन बिताते थे। पहले जो घर था, उसमें रहना मुश्किल था। अब जबसे पक्का मकान बन गया है, तो सुकून से सो पाते हैं। हमने कभी नहीं सोचा था कि हमें भी ऐसा घर मिलेगा।

पहाड़ी कोरवा जैसी जनजातियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए शासन की योजनाएं न केवल उन्हें मूलभूत सुविधाएं दे रही हैं, बल्कि आत्मसम्मान और सुरक्षित भविष्य की नींव भी रख रही हैं।

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